इसी माह चालू होगा गेल का प्लांट, बायो गैस से दौड़ेंगे वाहन व जलेंगे चूल्हे
गेल के झिरी स्थित बायो कंप्रेस्ड गैस प्लांट से कचरे से खाद और बायो गैस बनेगा
राजेश कुमार (रांची). राजधानी के लोगों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें कूड़े के ढेर से मुक्ति मिलेगी. गेल के झिरी स्थित बायो कंप्रेस्ड गैस प्लांट से जल्द ही कचरे से खाद और बायो गैस बनेगा. इससे उत्पादित गैस से वाहन दौड़ेंगे. साथ ही घरों के चूल्हे भी जलेंगे. जुलाई में ही इसे शुरू करने की योजना है. प्लांट की क्षमता 150-150 मीट्रिक टन की है. गीले कचरे को बायो गैस में परिवर्तित किया जायेगा. प्रारंभ में 150 मीट्रिक टन कचरा से 5,000 किलो प्रतिदिन बायो गैस का उत्पादन किया जायेगा. बाद में उत्पादन बढ़ा कर हर दिन 10,000 किलो कर दिया जायेगा. इसके अलावा, हर दिन 25 टन ऑर्गेनिक खाद भी तैयार होगा. गेल के अधिकारी ने कहा कि प्लांट शुरू करने के लिए तैयारी लगभग पूरी हो गयी है. बारिश कम होने पर जल्द ही इसका उद्घाटन होगा. आठ एकड़ जमीन में बना है प्लांट : गेल का यह प्लांट झिरी में आठ एकड़ में बना है. उत्पादन शुरू होने के बाद इसे कैसकेड में भर कर शहर के अलग-अलग सीएनजी और पीएनजी स्टेशनों पर भेजा जायेगा, ताकि इसका प्रयोग किया जा सके. बायो गैस बनाने के लिए गीले कचरे की जरूरत होती है. इसके लिए रांची नगर निगम सहयोग कर रहा है. कचरा संग्रहण करने वाली एजेंसी गीला और सूखा कचरा अलग-अलग ले रही है. साथ ही रांची नगर निगम की ओर से भी लोगों को सूखा और गीला कचरा अलग-अलग रखने की अपील की जा रही है. जुलाई से चालू होगा प्लांट : रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने कहा कि तीन साल पहले रांची में बायो गैस प्लांट स्थापित करने के लिए उस समय के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और धर्मेंद्र प्रधान से आग्रह किया था. उन्होंने तुरंत इस पर काम शुरू करने का निर्देश दिया. अब यह धरातल पर दिखेगा. जुलाई में इसे चालू कर दिया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है