रांची, प्रणव : रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद रहने के बाद भी गैंगस्टर और अपराधी खुलेआम रंगदारी मांगते हैं. रांची पुलिस की प्रारंभिक जांच में इसकी पुष्टि हुई है, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है. प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई है कि बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद रहने के दौरान गैंगस्टर अमन साहु, अमन सिंह, सुजीत सिन्हा व अन्य अपराधी रंगदारी वसूलने, धमकी देने, जेल मैनुअल का उल्लंघन व अन्य अवैध कार्यों के लिए अवैध तरीके से मोबाइल का इस्तेमाल करते थे. रांची पुलिस का मानना है कि कारा के अंदर इतनी अधिक संख्या में अवैध तरीके से मोबाइल हैंड सेट और सिम का प्रयोग बिना काराकर्मियों की संलिप्तता के संभव नहीं है. इन अपराधियों का आतंक ऐसा है कि कोई भी व्यक्ति इनके खिलाफ खुलकर सामने नहीं आता.
जांच में यह पता चला है कि बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में रहने के दौरान गैंगस्टर अमन साहु कई मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रहा था. मोबाइल नंबर 994409034498 का इस्तेमाल करते हुए अमन साहु ने त्रिवेणी सैनिक माइनिंग लिमिटेड, एनटीपीसी पकरी बरवाडीह के चेयरमैन सीवी प्रभाकरन को धमकी दी थी. कंपनी के सुरक्षा उप प्रबंधक नवीन प्रकाश ने पुलिस को इसकी जानकारी दी थी. इसी तरह मोबाइल नंबर 994409034498 और 994403017797 का इस्तेमाल करते हुए अमन साहु ने सीसीएल उरीमारी परियोजना के अंतर्गत कार्य कर रही कंपनी एलएनटी के कोल हेंडलिंग प्लांट के आइआर इंचार्ज सुनील कुमार सिंह को फोन व मैसेज कर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी.
वहीं, धनबाद के चर्चित गैंगस्टर अमन सिंह ने भी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में रहते हुए मोबाइल नंबर 0599038475 का इस्तेमाल किया था. इस नंबर से उसने आनंद प्रसाद नामक व्यक्ति के मोबाइल नंबर 7488454342 और पत्नी अंजुला सिंह के मोबाइल नंबर 9696764344 पर लगातार बात की थी. पुलिस के अनुसार, बिरसा कारा में बंद सजायाफ्ता कैदी और जेल के पूर्व कैंटीन प्रभारी शीतल महतो, हरि किशोर प्रसाद उर्फ किशोर, सूरज कुमार सिंह, राजू सिंह व अन्य कैदियों ने भी इस तरह के अवैध काम किये थे.
कुख्याज अपराधी हरि किशोर प्रसाद ने राहुल दुबे को फोन कर जेल गेट पर कैंटीन संचालक को एक लाख रुपये पहुंचाने को कहा गया था. बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से अपराधियों द्वारा रंगदारी वसूलने व धमकी दिये जाने की जानकारी एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने रांची पुलिस को दी थी. गौरतलब है कि फिलहाल अमन साहु, अमन सिंह और सुजीत सिन्हा दूसरी जेलों में हैं.
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