रांची. रिम्स में सामान्य मरीजों का इलाज अब प्राथमिकता के आधार पर होगा. डॉक्टर सामान्य मरीजों को बीच में छोड़ कर वीआइपी या पैरवी वाले मरीजों को परामर्श नहीं दे सकेंगे. रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है.
वर्तमान में देखा जा रहा है रिम्स के डॉक्टर सामान्य मरीजों की जगह वीआइपी या पैरवीवाले मरीजों को ज्यादा तरजीह देते हैं. इसके लिए डॉक्टरों पर दबाव भी बनाया जाता है. ओपीडी से लेकर जांच कराने तक में पैरवीवालों को प्राथमिकता मिलती है. इधर, रिम्स में कई वीआइपी के प्रतिनिधि भी नियुक्त हैं. वह सीधे ओपीडी में डॉक्टर के चेंबर में पहुंच जाते हैं और पैरवी कर वीआइपी मरीज को दिखाते हैं. इससे सामान्य मरीजों को परेशानी होती है. उन्हें परामर्श के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है.जांच के लिए बाहर भेजने वाले डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई
इधर, निदेशक ने यह भी कहा है कि रिम्स में जिन जांच की सुविधा है, उसके लिए यदि मरीजों को निजी जांच लैब या रेडियोलॉजी सेंटर में भेजा जाता है, तो वैसे डॉक्टरों पर कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए ओपीडी व वार्ड में निरीक्षण कर ऐसी पर्ची की खोजबीन की जायेगी. उन्होंने डॉक्टरों को फिर से निर्देश दिया है कि रिम्स में उपलब्ध दवाएं ही मरीजों की पर्ची पर लिखें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है