रांची का गेतलसूद डैम व जोन्हा-हुंडरू फॉल जुड़ेंगे टूरिस्ट कॉरिडोर से, पतरातू की तरह विकसित करने की है योजना

जोन्हा, हुंडरू फॉल व गेतलसूद डैम को विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जायेगा. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार प्लानिंग बना रही है. इस पर पांच साल में करोड़ों रुपये खर्च करने की योजना है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 20, 2023 9:58 AM

अनगड़ा (रांची) जितेन्द्र कुमार : गेतलसूद डैम क्षेत्र को पतरातू की तरह विकसित करने की कार्ययोजना पर सरकार काम कर रही है. सरकार ने गेतलसूद डैम, हुंडरू फॉल व जोन्हा फॉल को टूरिस्ट कॉरिडोर से जोड़ने की योजना बनायी है. इन पर्यटन स्थलों को सरकार ने राजकीय महत्व का दर्जा दिया है. गेतलसूद डैम क्षेत्र में रिसॉर्ट, नाव शेड, नाव लैंडिंग की सुविधा, कैंपिंग ग्राउंड, कारवां पार्क, होली डे केबिन, होटल, हाउस बोट, मरीना, मोटल, खेल का मैदान, जलपान कक्ष, दुकान का निर्माण किया जायेगा. जेटीडीसी के अधीन इसकी देखरेख की जायेगी. उपरोक्त योजनाओं के लिए भूमि चिह्नित की जा रही है. रांची के उपायुक्त खुद मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

जोन्हा, हुंडरू फॉल व गेतलसूद डैम को विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जायेगा. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार प्लानिंग बना रही है. इस पर पांच साल में करोड़ों रुपये खर्च करने की योजना है. योजना के तहत यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग को सुदृढ़ किया जायेगा. सिल्ली विधायक सुदेश महतो व खिजरी विधायक राजेश कच्छप लगातार इन पर्यटन स्थलों को एक कॉरिडोर में जोड़ने की कार्ययोजना बनाने की मांग सरकार से कर रहे थे. सुदेश महतो ने बताया कि कॉरिडोर निर्माण से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. साथ ही क्षेत्र का विकास भी होगा.

गेतलसूद डैम के पास बनेगा रिसॉर्ट

गेतलसूद डैम के पास रिसॉर्ट बनाने के लिए जिला प्रशासन ने पांच एकड़ भूमि आवंटित कर दिया है. पर्यटन विभाग को इसका प्रतिवेदन भी सौंप दिया है. उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. इसमें बताया गया है कि रुक्का मौजा में चिह्नित भूमि खाली और परती है.

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रोपवे लगाने की योजना

पर्यटन विभाग जोन्हा, हुंडरू और दशम फॉल में रोप-वे लगाने की संभावना तलाश रहा है. इसके लिए पर्यटन विभाग ने राइट्स के साथ एमओयू किया है. इन स्थानों पर रोप-वे के तकनीकी और पर्यावरणीय पहलुओं का सटीक मूल्यांकन कराने का निर्णय हुआ है. इसके लिए परियोजना में व्यवहार्यता अध्ययन को सुनिश्चित किया जायेगा.

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