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गेतलसूद डैम में तीन वर्षों में भी नहीं बना 150 मेगावाट का फ्लोटिंग पावर प्लांट, टेंडर प्रक्रिया में उलझा मामला

गेतलसूद डैम में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के लिए जीएट, स्टर्लिंग विल्सन, भेल, एलएंडटी, टाटा पावर सोलर व अल्फनार ने रुचि दिखायी थी. पर, उक्त कंपनियां टेंडर में भाग नहीं ले सकीं.

रांची : गेतलसूद डैम में 150 मेगावाट का फ्लोटिंग पावर प्लांट तीन वर्षों में भी नहीं बन पाया है. झारखंड बिजली वितरण निगम ने रांची के सिकिदिरी स्थित गेतलसूद डैम में वर्ल्ड बैंक की मदद से 800 करोड़ की लागत से 150 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने का फैसला किया था. वर्ष 2020 में ही इसकी प्रक्रिया बढ़ी थी. इसके लिए झारखंड बिजली वितरण निगम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के बीच करार भी हुआ. यानी सेकी को ही प्लांट का निर्माण करना है. राज्य के जल संसाधन विभाग ने इसके लिए एनओसी दे दिया है. पर आज तक मामला टेंडर की प्रक्रिया में ही उलझा हुआ है. लगातार टेंडर की तिथि आगे बढ़ती रहती है. 16 सितंबर को टेंडर खोला जाना था, लेकिन किसी के टेंडर नहीं डालने के कारण फिर से तिथि बढ़ा कर 10 अक्तूबर कर दी गयी है.

कंपनियों ने रुचि दिखायी, पर टेंडर नहीं डाला

बताया गया कि गेतलसूद डैम में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के लिए जीएट, स्टर्लिंग विल्सन, भेल, एलएंडटी, टाटा पावर सोलर व अल्फनार ने रुचि दिखायी थी. पर, उक्त कंपनियां टेंडर में भाग नहीं ले सकीं. यही वजह है कि टेंडर की तिथि बढ़ायी गयी है.

टाटा में चालू हो चुका है राज्य का पहला फ्लोटिंग प्लांट

टाटा स्टील फैक्ट्री परिसर स्थित कूलिंग पौंड में 10.8 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट चालू हो गया है. टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी (टीपीआरइ) ने इस प्लांट का निर्माण लगभग 80 करोड़ की लागत से किया गया है. प्लांट का निर्माण टाटा स्टील के कूलिंग पौंड के 15 हजार वर्ग मीटर में किया गया है. यहां पांच-पांच मेगावाट के दो प्लांट लगाये गये हैं.

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