बिहार-झारखंड में लड़कियों ने मारी बाजी, लड़कों की तुलना में 1.71% अधिक लड़कियां सफल

पटना : देश के साथ-साथ पटना जोन (बिहार-झारखंड) में भी लड़कियों ने बाजी मारी है. लड़कों की तुलना में लड़कियों का रिजल्ट बेहतर रहा है. लड़कों की तुलना में 1.71 फीसदी अधिक लड़कियां पटना जोन से सफल हुई हैं. लड़कों का पास प्रतिशत 90.09 रहा. वहीं, बिहार-झारखंड से 91.80 प्रतिशत लड़कियां सफल हुई हैं. परीक्षा में 2,17,572 छात्र शामिल हुए थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2020 8:57 PM
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पटना : देश के साथ-साथ पटना जोन (बिहार-झारखंड) में भी लड़कियों ने बाजी मारी है. लड़कों की तुलना में लड़कियों का रिजल्ट बेहतर रहा है. लड़कों की तुलना में 1.71 फीसदी अधिक लड़कियां पटना जोन से सफल हुई हैं. लड़कों का पास प्रतिशत 90.09 रहा. वहीं, बिहार-झारखंड से 91.80 प्रतिशत लड़कियां सफल हुई हैं. परीक्षा में 2,17,572 छात्र शामिल हुए थे.

कुल छात्रों में 1,97,326 छात्र सफल हुए हैं. इनमें 1,26,334 लड़के और 70992 लड़कियां शामिल हैं. परीक्षा में 6,344 लड़कियां और 13,902 लड़के फेल हुए हैं. पटना जोन से 19,508 (8.97 प्रतिशत) स्टूडेंट्स को कंपार्टमेंट लगा है. बिहार में 155673 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड थे. इनमें 102170 लड़के और 53,503 लड़कियां शामिल थीं.

परीक्षा में 153788 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. इनमें 100748 लड़के और 53040 लड़कियां थीं. इनमें 139509 परीक्षार्थी सफल हुए हैं, जिसमें 90841 लड़के और 48668 लड़कियां शामिल हैं. देश और पटना जोन के साथ-साथ बिहार में भी लड़कियों ने बाजी मारी है. लड़कों का पास प्रतिशत 90.17 रहा, जबकि बिहार से 91.76 प्रतिशत लड़कियां सफल हुई है. बिहार का पास प्रतिशत 90.72 रहा.

CBSE ने 10वीं में भी हटाया ‘अनुत्तीर्ण’ शब्द

सीबीएसइ ने मार्कशीट से फेल शब्द को 10वीं में भी हटा दिया है. इससे पहले 12वीं के अंक पत्र में भी फेल शब्द हटा दिया गया था. बोर्ड ने कहा कि पहले एक या दो विषय में फेल हो जाने पर स्टूडेंट्स को कंपार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होना होता था. इस बार जो भी स्टूडेंट्स फेल हुए हैं, उनके अंक पत्र में फेल शब्द नहीं लिखा गया है. उसके स्थान पर ‘आवश्यक पुनरावृत्ति’ कर दिया गया है.

बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि परीक्षा के अंक पत्र में फेल शब्द अक्सर बच्चे को असफल होने का एहसास कराता है. इस कारण इस बार पुनरावृत्ति लिखा गया है. एक बार बच्चे को असफल होने का एहसास हो जाता है, तो बच्चों को उस स्थिति से निकालना बहुत कठिन हो जाता है. बच्चा डिप्रेशन की स्थिति तक में जा सकता है और उसे लगने लगता है कि अब वह आगे भविष्य में कुछ नहीं कर पायेगा. इसी कारण से यह बदलाव किया गया है.

रिजल्ट को लेकर परेशानी है, तो बोर्ड के टॉल फ्री नंबर पर करें कॉल

सीबीएसइ ने 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. रिजल्ट जारी करने के साथ ही बोर्ड ने स्टूडेंट्स की उलझनें और दुविधाओं को दूर करने के लिए टेली काउंसेलिंग की सुविधा शुरू कर दी है. स्टूडेंट्स सुबह 9:30 से 5:30 बजे के बीच 1800118004 पर कॉल कर अपने प्रश्न पूछ सकते हैं. यह सुविधा 27 जुलाई तक उपलब्ध रहेगी. टेली काउंसेलिंग के माध्यम से स्टूडेंट्स रिजल्ट के साथ-साथ अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं. स्टूडेंट्स की मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी दूर की जायेंगी. टेली काउंसेलिंग के दौरान 95 प्रिसिंपल और प्रशिक्षित काउंसेलर स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन करेंगे. इससे साथ ही स्टूडेंट्स रिकॉर्डेड उपयोगी टिप्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. यह टिप्स बोर्ड की वेबसाइट www.cbse.nic.in से प्राप्त कर सकते हैं.

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