मैक्लुस्कीगंज(रांची), रोहित कुमार. कैथोलिक चर्च में आज शुक्रवार को धर्म विधि कराते हुए मुख्य अनुष्ठाता फादर विल्फ्रेड ने अपने उपदेश में कहा कि प्रिय भाइयों एवं बहनों आज की धर्मविधि की मुख्य घटना है. पवित्र क्रूस पर यीशु मसीह के दुःख भोग व मरण को याद करना. पवित्र शुक्रवार को गुड फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है. इसका अर्थ है शुभ शुक्रवार. वास्तव में यह सबसे बड़ा दिन है. क्रूस का चुम्बन व अनुयायियों के बीच परम प्रसाद का वितरण के बाद सामूहिक आर्शीवाद के बाद समारोह का समापन किया गया.
पापों के पश्चाताप के लिए क्रूस पर चढ़ गये प्रभु यीशु
फादर विल्फ्रेड ने कहा कि प्रभु यीशु हमारे ही द्वारा किये गये पापों के पश्चाताप के लिए क्रूस पर चढ़ गये और यह विलाप करने की बात नहीं बल्कि खुशी की बात है क्योंकि प्रभु यीशु आज भी हमारे साथ हैं. इसके बाद अनुष्ठाता द्वारा शब्द समारोह, पवित्र सुसमाचार, विभिन्न मतलबों के लिये निवेदन व विशेष प्रार्थनाएं, पवित्र संस्कार, पवित्र क्रूस की उपासना कर यीशु के बलिदान मार्ग के चौदह स्थानों पर किये गये प्रेम, बलिदान और आत्मीयता भाव को प्रार्थनाओं के माध्यम से स्मरण किया गया.
सामूहिक आर्शीवाद के बाद समारोह का समापन
क्रूस का चुम्बन व अनुयायियों के बीच परम प्रसाद का वितरण के बाद सामूहिक आर्शीवाद के बाद समारोह का समापन किया गया. सभी विधियों में लपरा पल्ली पुरोहित संजय तिर्की ने सहयोग किया. इस अवसर पर पुष्पा खलखो, तोबियास बाड़ा, संतोष भेंगरा, सिस्टर मंजुला, टेरेसा, विजय कुजूर, अशियानी टोप्पो, विनय टोप्पो, कैमिल मिंज, मेरी बाड़ा, मर्टिना मगही, कोर्नेलुईस खेस, रिया टोप्पो, रोशनी एक्का, अनीमा लकड़ा, अमीत मिंज, अजय मिंज, कुसूम खेस, रेजीना तिर्की, सुनील कुजूर, विंसेन्ट खेस, अनिमा एक्का सहित बड़ी संख्या में मसीही समुदाय के लोग उपस्थित थे.
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