Good News: रांची-झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडे दिए जाने लगे हैं. हेमंत सोरेन सरकार की सख्ती के बाद बच्चों की भोजन की थाली में अंडे दिखाई दे रहे हैं. पिछले दिनों भोजन का अधिकार अभियान ने रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर इस बाबत विरोध प्रदर्शन किया था और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को हर रोज एक अंडे देने की वकालत की थी.
भोजन का अधिकार अभियान ने की थी अंडे देने की मांग
भोजन का अधिकार अभियान की ओर से 10 सितंबर को रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को हर रोज अंडे देने की मांग की गयी थी. झारखंड सरकार ने राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में हर रोज अंडे देने का वादा किया था. इस वादे के तहत सरकार की ओर से निर्देश भी दिए गए थे. इसके बाद भी आंगनबाड़ी में बच्चों को अंडे नहीं दिए जा रहे थे. भोजन का अधिकार अभियान की मानें, तो कुछ आंगनबाड़ी सेविकाओं को मालूम भी नहीं कि तीन से छह साल के बच्चों को रोज अंडे देने हैं.
योगेंद्र यादव ने भी किया था इनकी मांग का समर्थन
रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर भोजन का अधिकार अभियान की ओर से पिछले दिनों अंडे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था. इसमें रंग-बिरंगी तख्तियां और हाथों में उबले अंडे लेकर लोगों ने अपनी आवाज बुलंद की थी. इसके साथ ही आंगनबाड़ी में बच्चों को रोज अंडे देने की मांग रखी. इससे संबंधित पर्चा भी बांटा. इसमें प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव, ज्यां द्रेज, एलिना होरो, अशर्फीनंद प्रसाद, गुरजीत सिंह, अंबिका यादव, टॉम कावला समेत रांची, लातेहार, पलामू, बोकारो और सरायकेला खरसावां के लोग शामिल हुए. योगेंद्र यादव ने कहा कि आंगनबाड़ी के बच्चों को हर रोज अंडे देने की जरूरत है. भोजन का अधिकार अभियान ने बताया कि झारखंड के बच्चे दुनिया के सबसे कुपोषित बच्चों में से एक हैं. इसलिए इन्हें हर रोज अंडे देने की जरूरत है.
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