Good News : रांची : झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में यूरिया के वितरण से जुड़ी लैंपस-पैक्स व अन्य सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार हर चयनित सहकारी समिति को पांच लाख रूपये तक की कार्यशील पूंजी प्रखंड स्तर पर देगी. पंचायत स्तर पर 1.5-2 लाख तक की पूंजी अलग से दी जायेगी, ताकि यूरिया वितरण में 50 प्रतिशत सहकारिता समितियों की सहभागिता के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. यह बातें उन्होंने पलामू और हजारीबाग प्रमंडल के सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कहीं.
यूरिया के वितरण, ट्रांसपोर्टेशन और रैक प्वाइंट के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा के दौरान कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि यूरिया के खुदरा एवं थोक व्यापारियों की मनमानी और निर्धारित कीमत से ज्यादा की राशि वसूलने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जो एक चिंता का विषय है.
झारखंड के कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया के बड़े रिटेलर्स की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही हैं कि किसानों को यूरिया ज्यादा कीमत पर देने के साथ साथ नॉन सब्सिडाइज्ड जैसे कैल्शियम, जिंक आदि सामान को साथ बेचा जा रहा है, जिससे किसान परेशान हैं.
श्री बादल ने विधायक कमलेश सिंह, गढ़वा विधायक भानुप्रताप शाही, विधायक अंबा प्रसाद की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए संबंधित जिले के उपायुक्तों को जांच करने के आदेश दिये. इसके साथ ही खाद के ऐसे थोक विक्रेताओं पर कार्रवाई करने के निदेश दिये हैं, जो निर्धारित मूल्य से ज्यादा कीमत पर यूरिया की बिक्री कर रहे हैं. श्री बादल ने आदेश दिया कि हर जिले में यह सुनिश्चित किया जाये कि नॉन सब्सिडाइज्ड आइटम को सब्सिडाइज्ड आइटम के साथ खरीदने के लिए किसानों को मजबूर न किया जाये.
श्री बादल ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए इंफोर्समेंट मैकेनिज्म तैयार करें. इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाये कि बॉर्डर एरिया, जो उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों से जुड़े हैं, वहां लैंपस-पैक्स के बीच यूरिया का समानुपातिक वितरण हो.
कृषि मंत्री ने कहा कि पैक्स की आड़ में कोई भी बिजनेसमैन यूरिया की कालाबाजारी का फायदा नहीं उठाये, इसका ख्याल रखते हुए कार्रवाई करें. राज्य के किन-किन जिलों में रैक प्वाइंट बनाये जा सकते हैं, उसकी मैपिंग का कार्य अविलंब करें, ताकि ट्रांसपोर्टेशन के खर्च में कटौती की जा सके. यूरिया का वितरण ई-पॉश के माध्यम से हो और यूरिया की कालाबाजारी करनेवाले व निर्धारित दरों से ऊंची दरों पर बेचने वाले लाइसेंसी विक्रेताओं पर कार्रवाई करें. प्रत्येक जिले में इसके लिए उड़नदस्ता टीम का गठन कर जांच करायी जाये.
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि अगले वर्ष से यूरिया की कोई भी कमी नहीं रहेगी, क्योंकि सिंदरी व दो अन्य प्लांट भी प्रारंभ किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि रैक प्वाइंट की उपलब्धता कम होने की वजह से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ जाता है. इसलिए बोकारो, धनबाद व गिरिडीह में रैक प्वाइंट निर्माण की प्लानिंग के लिये कार्ययोजना बनायें. इसके साथ ही ट्रांसपोर्टेशन तथा लिफ्टिंग आदि की दरें जो निर्धारित नहीं हैं, उनकी भी गाइडलाइन तैयार करने का निर्देश दिया.
इस समीक्षा बैठक में कृषि सचिव अबूबकर सिद्दिकी, निदेशक मनोज कुमार समेत कई जिलों के उपायुक्त व जिला कृषि पदाधिकारी उपस्थित थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra