खुशखबरी! झारखंड के सूखाग्रस्त क्षेत्र के किसानों को हेमंत सोरेन सरकार देगी 3500 रुपए की मदद
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सुखाड़ से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए समुचित कदम उठाएं. उन्होंने गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी सूखे की मार झेल रहे किसानों को तत्काल राहत के तौर पर 3,500 रुपए प्रति किसान अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया.
झारखंड के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. खासकर सूखा प्रभावित क्षेत्र के किसानों के लिए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऐसे किसानों को तत्काल राहत के रूप में 3,500 रुपए देने का आदेश दिया. यह रकम अनुग्रह राशि के रूप में दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने बुधवार (10 जनवरी) को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में यह निर्देश दिए. मुख्यमंत्री को कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि इस साल भी कम बारिश की वजह से 17 जिलों के 158 प्रखंडों में सुखाड़ की स्थिति है. इन क्षेत्रों को सुखाड़ग्रस्त घोषित करने की विभाग ने अनुशंसा की. इस पर मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिया कि इन सभी 158 प्रखंडों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने का प्रस्ताव तैयार करें. प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सूखाग्रस्त क्षेत्र के प्रत्येक किसान को तत्काल 3,500 रुपए की अनुग्रह राशि दी जाए.
सहायता राशि के लिए केंद्र को भेजें प्रस्ताव
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह भी निर्देश दिया कि वे केंद्र सरकार को सहायता राशि उपलब्ध कराने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करके भेजें. इस राशि से सूखा प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सुखाड़ से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए समुचित कदम उठाएं. उन्होंने गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी सूखे की मार झेल रहे झारखंड के किसानों को तत्काल राहत के तौर पर 3,500 रुपए प्रति किसान अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया.
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ऐसे किसानों को मिलेगी इनपुट अनुदान राशि
मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि वैसे किसान, जिनकी फसल कम बारिश की वजह से 33 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त हुई है, उन्हें इनपुट अनुदान राशि दी जाएगी. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि एवं सहकारिता मंत्री बादल, मुख्य सचिव एल खियांग्ते, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव अबू बकर सिद्दीकी और कृषि विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारी मौजूद थे.
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