ट्रेनों के फेरे बढ़ाने में फंसे सरकार और विपक्ष : सीएम ने दी नसीहत, तो भाजपा ने किया पलटवार

झारखंड के बाहर विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिक, छात्र समेत अन्य लोग श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने राज्य वापस लौट रहे हैं. इन प्रवासियों को लाने के लिए अधिक ट्रेनों का परिचालन हो, इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व विपक्ष के बीच वाक युद्ध छिड़ गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2020 4:45 PM

रांची : झारखंड के बाहर विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिक, छात्र समेत अन्य लोग श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने राज्य वापस लौट रहे हैं. इन प्रवासियों को लाने के लिए अधिक ट्रेनों का परिचालन हो, इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व विपक्ष के बीच वाक युद्ध छिड़ गया है. सीएम हेमंत सोरेन जहां हर झारखंड वासियों को सकुशल वापस लाने की बात दोहराते हुए अधिक से अधिक ट्रेनों के झारखंड में परिचालन को लेकर भाजपा को केंद्र सरकार से निवेदन करने को कह रहे हैं, तो वहीं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, हेमंत के बयान पर पलटवार करते हुए कहते हैं कि इस मामले में विलंब कौन कर रहा है, सभी को पता है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर बताया कि अन्य राज्यों में फंसे हर एक झारखंडी को घर वापस लाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है. राज्य वापस आने को इच्छुक 6.85 लाख झारखंडियों को क्रमबद्ध तरीके से राज्य सरकार रेलवे एवं केंद्र सरकार से सामंजस्य बैठा कर जल्द से जल्द लाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने विपक्ष के साथियों से आग्रह किया कि वे झारखंड के लिए अधिक से अधिक ट्रेनों के परिचालन के लिए केंद्र की मोदी सरकार से अपील करे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी श्रमिक बंधुओं का किराया वहन कर रही है और आगे भी करेगी.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस आग्रह पर राजनीति भी तेज हो गयी है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत के इस आग्रह पर पलटवार करते हुए कहा कि झारखंड के लिए अधिक से अधिक ट्रेनों के परिचालन को लेकर विलंब कौन रहा है, सब जानते हैं. उन्होंने कहा कि जब रेल मंत्री पीयूष गोयल कह चुके हैं कि राज्य सरकारों को जितनी ट्रेनों का परिचालन चाहिए, वो देने को तैयार हैं, तो देरी किस बात की है.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया कि आप जितनी चाहें, रेलवे उतनी ट्रेन देश के किसी भी स्थान से आपको रोजाना उपलब्ध करा सकती है. देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे झारखंड के हमारे कामगारों ने देश के निर्माण व अर्थव्यवस्था में अमूल्य योगदान दिया है, उन्हें घर पहुंचाने के लिए हम सहर्ष तैयार है, आप हमें इसकी अनुमति दें.

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दूसरी ओर, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के बाहर रहे प्रवासी श्रमिकों की दयनीय स्थिति का भी जिक्र कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया. साथ ही मुख्यमंत्री से इस दिशा में सहयोग करने की बात कही. उन्होंने कहा कि गिरिडीह जिले के सिमोन टुडू समेत चार प्रवासी अभी भी गुजरात के अहमदाबाद में फंसे पड़े हैं. अमदाबाद स्थित नेहरु नगर, बीकानेर वाला सेटर लाइट रोड में रहनेवाले सिमोन के साथ फंसे अनिल टुडू, अजय टुडू और महेश हेम्ब्रम सभी आपस में भाई एवं रिश्तेदार हैं, जो अभी भी वहीं फंसे हैं. इनलोगों ने मदद की गुहार लगायी है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

इसी तरह गिरिडीह जिले के नागराज शर्मा के साथ अन्य 7 लोग अभी भी पुणे में फंसे हैं।. सभी का प्रवासी एप में रजिस्ट्रेशन भी हो चुका है, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिली है. इसके अलावा गोड्डाम जिला अंतर्गत बोअरिजोर स्थित कर्माटांड़ गांव के रहने वाले सीताराम सोरेन समेत 70 लोग अभी भी तेलंगाना में फंसे है. ये सभी तेलंगाना के विजय आनंद पेपर मिल फारूक नगर के रहने वाले हैं.

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बाबूलाल मरांडी ने कि विभिन्न राज्यों में फंसे इन लोगों तक राज्य सरकार अभी तक नहीं पहुंच पायी है. इन्हें आर्थिक सहायता और राशन का कोई लाभ नहीं मिला है. ये लोग अब अपना गांव लौटना चाहते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से इन प्रवासियों को अविलंब कुछ राशन व आर्थिक मदद के साथ इनको झारखंड भेजने की पहल का आग्रह भी किया है.

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