रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने तीन वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसइ) जामताड़ा के आदेश को निरस्त कर दिया. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि प्रार्थी का तीन वार्षिक वेतन वृद्धि रोकना वृहद दंड की श्रेणी में आता है. इसके लिए प्रक्रिया है, लेकिन प्रार्थी के मामले में उस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और वृहद दंड दे दिया गया. अदालत ने कहा कि प्रक्रिया का पालन किये बिना सरकार किसी कर्मी को वृहद दंड नहीं दे सकती है. इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन व अधिवक्ता नेहा भारद्वाज ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि जांच पदाधिकारी ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें आरोप साबित नहीं हुआ है. इसके बावजूद उन्हें वृहद दंड दी गयी है, जो गलत है. उन्होंने आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शिक्षक कुंती कुमारी ने याचिका दायर कर डीएसइ जामताड़ा के आदेश को चुनाैती दी थी.
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