वरीय संवाददाता (रांची). झारखंड हाइकोर्ट ने दुमका के हंसडीहा में स्पेनिश बोलनेवाली महिला (ब्राजीलियाई नागरिक) टूरिस्ट से हुई गैंगरेप की घटना और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के शपथ पत्र को अधूरा बताते हुए नाराजगी जतायी. मौखिक रूप से कहा कि जिन बिंदुओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा गया था, उस पर कोई स्पष्ट जवाब शपथ पत्र में नहीं है. पिछले छह माह से भू माफियाओं द्वारा जमीन कब्जा करने, महिलाओं के खिलाफ अपराध तथा रंगदारी मांगने से संबंधित दर्ज मामलों में एक ही तरह का आंकड़ा सरकार द्वारा दिया जा रहा है. खंडपीठ ने पूछा कि क्या पिछले छह माह के दौरान कोई नया अपराध नहीं हुआ है? यदि नया अपराध नहीं हुआ है, तो क्या राज्य में अपराध की गति थम-सी गयी है? खंडपीठ ने राज्य सरकार को पिछले दो माह के अंदर भू-माफिया द्वारा जमीन कब्जा करने, महिला अपराध और रंगदारी मांगने से संबंधित दर्ज घटनाओं की पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया. कितने नये मामलों में आरोपियों के खिलाफ वारंट मांगा गया है? कितने आरोपी फरार घोषित किये गये हैं? कितनों के खिलाफ कुर्की-जब्ती का आदेश अदालत से जारी हुआ है? खंडपीठ ने कहा कि कुछ हस्तक्षेप याचिका (आइए) दायर हुई है. इन याचिकाओं में जिन भू-माफिया का जिक्र किया गया है, इनका नाम सरकार की भू-माफियाओं की लिस्ट में है या नहीं? खंडपीठ ने यह भी जानना चाहा कि थाना, अस्पताल आदि जगहों पर पारा लीगल वालेंटियर(पीएलवी) को तैनात किया गया है या नहीं? सभी बिंदुओं पर राज्य सरकार को अद्यतन जानकारी देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 16 मई की तिथि निर्धारित की.
अपराधियों के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई :
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर कर अपराध के बारे में जानकारी दी गयी. बताया कि भू- माफियाओं, रंगदारी मांगनेवालों व महिलाओं के खिलाफ अपराध करनेवालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है. मामले में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता शाहबाज अख्तर ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि दुमका के हंसडीहा थाना क्षेत्र में विदेशी महिला के साथ गैंगरेप की घटना एक मार्च 2024 की रात में हुई थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज स्व एमवाइ इकबाल की जमीन की चहारदीवारी तोड़ कर जबरन कब्जा करने की घटना हुई थी. इन दोनों घटनाओं को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है