प्रवासियों के स्वास्थ्य व रोजगार की चिंता कर रही सरकार : बन्ना गुप्ता

झारखंड में करीब 12 लाख प्रवासी लौट कर आयेंगे. बड़ी संख्या में प्रवासी लौट कर आ चुके हैं. राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके स्वास्थ्य व राेजगार की है. राज्य में आये प्रवासी हुनरमंद हैं. उनके पास काम का अच्छा अनुभव भी है. यहां आये प्रवासी काम की तलाश मेें जुटे हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में में कईयों के पास काम का अनुभव है. हुनरमंद प्रवासी कामगारों को झारखंड में रोजगार मिले, इसको लेकर सरकार के पास क्या योजना है. उनको स्वस्थ रखने के साथ रोजगार से संबंधित कई मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से प्रभात खबर के वरीय संवाददाता राजीव पांडेय ने बातचीत की.

By Prabhat Khabar News Desk | June 7, 2020 4:39 AM

झारखंड में करीब 12 लाख प्रवासी लौट कर आयेंगे. बड़ी संख्या में प्रवासी लौट कर आ चुके हैं. राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके स्वास्थ्य व राेजगार की है. राज्य में आये प्रवासी हुनरमंद हैं. उनके पास काम का अच्छा अनुभव भी है. यहां आये प्रवासी काम की तलाश मेें जुटे हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में में कईयों के पास काम का अनुभव है. हुनरमंद प्रवासी कामगारों को झारखंड में रोजगार मिले, इसको लेकर सरकार के पास क्या योजना है. उनको स्वस्थ रखने के साथ रोजगार से संबंधित कई मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से प्रभात खबर के वरीय संवाददाता राजीव पांडेय ने बातचीत की.

हर व्यक्ति को स्वस्थ रखने का खाका पहले तैयार है

झारखंड की अपनी घरती पर हमारे भाई व बहनों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. राज्य सरकार ने अपने भाई व बहनों को काफी संघर्ष कर ट्रेन व हवाई जहाज से लाने की व्यवस्था की. हम राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर वापस लाने के प्रति कटिबद्ध हैं. प्रवासी भाईयों का बुलाने के साथ उनके स्वास्थ्य व रोजगार की चिंता भी सरकार कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कुशल नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने शुरू में ही तैयारी कर ली थी. हर व्यक्ति को स्वस्थ रखने का खाका पहले ही तैयार किया गया है.

हजारीबाग,देवघर व गुमला में जांच की सुविधा जल्द

राज्य सरकार हर व्यक्ति की चिंता करती है. जिला से लेकर पंचायत स्तर पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गयी है. वापस लौटने पर स्टेशन, बस अड्डा व एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की जा रही है. प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य जांच के लिए टीम बनायी गयी है. प्रवासियों को आवश्यकतानुसार सरकारी कोरेंटिन सेंटर भेजा जाता है या फिर होम कोरेंटिन किया जा रहा है. जांच का दायरा बढ़ाने के लिए 30 ट्रुनेट मशीन लगायी गयी है. अतिरिक्त 30 मशीन का ऑर्डर दिया हैं. एमजीएम जमशेदपुर, टीएमएच, धनबाद पीएमसीएच, रिम्स व इटकी पर जांच हो रही हैं. तीन नये जगहों हजारीबाग,देवघर व गुमला में जल्द ही जांच शुरू की जायेगी. वर्तमान में औसतन 2500 जांच हो रही हैं. हमारा लक्ष्य है कि इसे बढ़ाया जाये.

कोरेंटिन सेंटर के बदहाली का कोई मामला नहीं

कोरेंटिन सेंटरों में बेहतर व्यवस्था की गयी हैं. जिला उपायुक्त से लेकर जनप्रतिनिधियों की निगरानी में वहां की व्यवस्था को रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार काेरेंटिन सेंटर का जायजा लेती है. हमारे स्तर पर कोरेंटिन सेंटर की बदहाली का कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है. अगर ऐसी कोई शिकायत आई तो त्वरित कार्रवाई की जायेगी. हर दिन मैं खुद उपायुक्तों के माध्यम से कोरेंटिन सेंटर की व्यवस्था की जानकारी लेता रहता हूं.

झारखंड लौटे प्रवासियों की पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है

झारखंड आये प्रवासियों की पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है. हवाई जहाज, ट्रेन या बसों से आने वाले हर व्यक्ति की जांच सुनिश्चित की जा रही है. इसके बाद जिला स्तर पर जांच की जाती है. लक्षण दिखाई देने पर सरकारी कोरेंटिन में भेजा जाता है. कोई लक्षण नहीं होने पर होम कोरेंटिन कर दिया जाता है. घर में भी सावधानी व सर्तकता के साथ रहने के लिए कहा जाता है. आरोग्य सेतु से उनकी निगरानी भी की जाती है. यदि कोई शिकायत आती हैं, तो फौरन कार्रवाई की जाती है.

पॉजिटिव की संख्या बढ़ी है, हमारी तैयारी पूरी है

राज्य सरकार प्रत्येक प्रवासी के रोजगार की व्यवस्था कर रहा है. रोजगार से कैसे जोड़ा जाये इसकी प्रक्रिया चल रही है. स्वास्थ्य से संबंधित हुनरमंद लोगों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा. हम चाहेंगे कि हमारे भाई-बहनों को यही पर राेजगार मिल जाये, जिससे उनको दोबारा अपनी धरती को छोड़ कर जाना नहीं पड़े. हमने चुनौती कबूल की है. हम तैयार भी हैं. जांच का दायरा बढ़ाया गया है. यह जरूर है कि पॉजिटिव की संख्या बढ़ी है. आगे बढ़ेगी भी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का हर एक कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ कर रहा है.

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