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झारखंड के 7500 सरकारी स्कूलों में शुरू होगी पूर्व बालपन कक्षा, केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि

7500 विद्यालयों में 444 विद्यालयों के लिए केंद्र सरकार द्वारा राशि उपलब्ध करायी गयी है. इन विद्यालयों को संसाधन युक्त करने का कार्य चल रहा है. केंद्र सरकार द्वारा प्रति विद्यालय 1.75 लाख की दर से राशि उपलब्ध करायी गयी है

By Prabhat Khabar News Desk | February 8, 2023 10:50 AM

झारखंड के 7500 सरकारी विद्यालयों में पूर्व बालपन (प्ले ग्रुप ) शिक्षा के नाम से नयी योजना शुरू की जायेगी. इन विद्यालयों में शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व प्राथमिक शिक्षा संचालित की जाती है. इन विद्यालयों में प्ले ग्रुप की कक्षा के अनुरूप संसाधन उपलब्ध कराया जायेगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा विद्यालयों में पठन-पाठन के लिए सामग्री, खेलकूद के सामान, वर्ग-कक्षा के लिए फर्निचर, क्लास रूम में पेंटिंग की व्यवस्था करायी जायेगी.

7500 विद्यालयों में 444 विद्यालयों के लिए केंद्र सरकार द्वारा राशि उपलब्ध करायी गयी है. इन विद्यालयों को संसाधन युक्त करने का कार्य चल रहा है. केंद्र सरकार द्वारा प्रति विद्यालय 1.75 लाख की दर से राशि उपलब्ध करायी गयी है. शेष विद्यालयों के लिए राज्य की ओर से राशि दी जायेगी. राज्य सरकार की ओर से प्रति विद्यालय डेढ़ लाख की दर से राशि देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कक्षा एक में नामांकन के पूर्व तीन वर्ष की पढ़ाई करनी होगी. इनमें दो वर्ष आंगनबाड़ी में व एक वर्ष की पढ़ाई स्कूल में होगी. नयी नीति के तहत अब कक्षा एक में छह वर्ष में बच्चों का नामांकन लिया जायेगा. इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में राज्यों को भी पत्र भेजा गया था. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी को प्राथमिक स्कूल से जोड़ा जायेगा.

मातृभाषा में शुरू की जायेगी पढ़ाई :

राज्य में 4600 स्कूलों में मातृभाषा में पढ़ाई शुरू की जायेगी. विद्यालयों के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इनमें से 250 विद्यालयों में वर्ष 2022 में पांच भाषाओं में पढ़ाई शुरू की गयी थी. नयी शिक्षा नीति के तहत कक्षा पांच तक की पढ़ाई मातृ भाषा में देने को प्राथमिकता दी गयी है. विद्यालयों में मुंडारी, कुड़ूख, हो, खड़ीया व संताली भाषा में पढ़ाई शुरू की गयी है.

जिन विद्यालयों में जिस भाषा में पढ़ाई शुरू की गयी है, उनमें उस भाषा को बोलनेवाले 70 फीसदी बच्चा होना अनिवार्य है. अब दूसरे चरण में इस वर्ष और विद्यालयों में पढ़ाई शुरू की जायेगी. इसकी तैयारी की जा रही है. विद्यालयों में पढ़ाई शुरू करने के पूर्व अभिभावकों की सहमति भी ली जाती है. विद्यालयों में फिलहाल कक्षा तीन तक की पढ़ाई मातृ भाषा में होगी. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा इन भाषाओं में किताब भी तैयार कराया गया है.

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