Loading election data...

झारखंड के मंत्री व अफसर अब बंगले की मरम्मत में नहीं कर पाएंगे मनमाना खर्च, हेमंत सरकार की ये है तैयारी

मंत्रियों-अफसरों के बंगलों की मरम्मत पर 35 लाख से ज्यादा खर्च नहीं होगा

By Prabhat Khabar News Desk | January 30, 2021 12:04 PM

governmet officers Bungalow Renovation cost, ministers building repair cost in jharkhand रांची : राज्य के मंत्रियों और अफसरों सहित सभी सरकारी बंगलों की मरम्मत पर अब 35 लाख रुपये से अधिक खर्च नहीं किया जा सकेगा. भवन निर्माण विभाग ने नियमित अंतराल पर सरकार के आवासीय भवनों की मरम्मत व जीर्णोद्धार पर किये जाने वाले खर्च की सीमा तय कर दी है.

पिछले तीन वर्षों के दौरान रांची स्थित आवासीय भवनों की मरम्मत व जीर्णोद्धार का आकलन किया गया था. इसमें पाया गया कि एक ही तरह के बंगलों के नियमित अंतराल पर हुए मरम्मत व जीर्णोद्धार कार्य के खर्च में भारी अंतर है. कई भवनों का नियमित अंतराल पर मरम्मत व जीर्णोद्धार कराया गया है.

वहीं, कई भवनों पर कोई भी राशि खर्च नहीं की गयी है. मरम्मत और जीर्णोद्धार कार्य में एकरूपता स्थापित करने के लिए विभाग ने अधिकतम और न्यूनतम राशि निर्धारित की है. भवन निर्माण विभाग ने राज्य सरकार की आवासीय इकाइयों को सात श्रेणियों में विभक्त किया है.

ए-टाइप बंगलों के मरम्मत पर सालाना अधिकतम 1.5 लाख, बी-टाइप पर दो लाख, सी-टाइप पर 2.5 लाख, डी-टाइप पर पांच लाख, इ-टाइप पर सात लाख और एफ टाइप बंगलों पर आठ लाख रुपये तक का खर्च निर्धारित किया गया है. वहीं मंत्री, प्रतिपक्ष के नेता, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और उनके समांतर बंगलों के रख-रखाव पर सालाना 15 लाख रुपये तक खर्च किया जा सकेगा.

विशेष जीर्णोद्धार के लिए भी राशि तय

इधर हर तीन वर्षों पर किये जाने वाले विशेष जीर्णोद्धार कार्य के लिए भी अधिकतम राशि तय की गयी है. ए-टाइप बंगलों के विशेष जीर्णोद्धार कार्य के लिए तीन लाख, बी-टाइप के लिए चार लाख, सी-टाइप के लिए छह लाख, डी-टाइप के लिए 15 लाख, इ-टाइप के लिए 20 लाख तथा एफ-टाइप के लिए अधिकतम 30 लाख रुपये तक खर्च किया जा सकेगा.

इसके अलावा मंत्री, प्रतिपक्ष के नेता, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और उनके समांतर बंगलों के तीन वर्षों पर होने वाले विशेष जीर्णोद्धार कार्य के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 35 लाख रुपये तय की गयी है. हालांकि, यह राशि तभी स्वीकृत की जायेगी, जब लगातार दो वर्षों में सालाना मेंटनेंस पर खर्च नहीं किया गया हो.

सजावट भी मरम्मत व विशेष मरम्मत राशि में

भवन निर्माण द्वारा जारी की गयी अधिसूचना के मुताबिक सभी कार्य जरूरत के मुताबिक तथा एक वर्ष के अंतराल पर ही कराये जा सकेंगे. एक ही वर्ष में समान मद में कोई कार्य नहीं होगा. भवनों के अाधुनिकीकरण और साज-सज्जा के कार्य भी उक्त राशि में ही समाहित होंगे. मरम्मत के लिए राशि की स्वीकृति विभागीय सचिव की सहमति से जारी होगी.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version