राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने PHD थिसिस में नकल रोकने को कहा
राज्यपाल ने कुलपति को निर्देश दिया है कि अब डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल (डीआरसी) और एथिकल कमेटी द्वारा पीएचडी के लिए प्री- सबमिशन सेमिनार से पहले और बाद में थिसिस की समीक्षा करायें.
रांची : राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने राज्य के विश्वविद्यालयों में जमा हो रहे निम्न गुणवत्तावाले पीएचडी थिसिस पर चिंता जतायी है. जानकारी के अनुसार, राजभवन द्वारा पिछले दिनों पीएचडी थिसिस में साहित्यिक चोरी (प्लेगिरिज्म) और इंटरनेट की सामग्री की जांच के लिए राज्य के हर विवि से पांच-पांच थिसिस मंगााये गये थे. जांच के बाद जो तथ्य सामने आये, इसमें पाया गया कि साहित्यिक चोरी आठ से 54 प्रतिशत तक पायी गयी. सिर्फ एक थिसिस को छोड़कर सभी थिसिस निम्न गुणवत्तावाले थे.
राज्यपाल के निर्देश पर उनके प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के सभी सरकारी विवि के कुलपति को पत्र भेज कर कहा है कि यूजीसी गाइडलाइन के मुताबिक थिसिस में मूल कार्य से साहित्यिक चोरी 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. राज्यपाल ने कुलपति को निर्देश दिया है कि अब डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल (डीआरसी) और एथिकल कमेटी द्वारा पीएचडी के लिए प्री- सबमिशन सेमिनार से पहले और बाद में थिसिस की समीक्षा करायें. साथ ही डिग्री प्रदान करने से पहले विद्वान सुपरवाइजर द्वारा दिये गये प्रमाणीकरण के अलावा मौलिकता का प्रमाण पत्र भी प्राप्त करें. प्रधान सचिव ने राज्यपाल के इस निर्देश को अमल में लाने के लिए कहा है.
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