झारखंड: खरसावां शहीद दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ‘खरसावां स्मरण’ का किया उद्घाटन
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने 'चतुर्थ राष्ट्रीय विचार मंथन' को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया सिर्फ राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं थे, बल्कि एक महान समाज सुधारक भी थे. उन्होंने समाज की मुख्यधारा से वंचित लोगों के अधिकार एवं समानता के लिए आवाज उठायी.
रांची: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने खरसावां शहीद दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को रांची के ऑड्रे हाउस में ‘खरसावां स्मरण’ का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने की. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ‘चतुर्थ राष्ट्रीय विचार मंथन’ को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया सिर्फ राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं थे, बल्कि एक महान समाज सुधारक भी थे. उन्होंने समाज की मुख्यधारा से वंचित लोगों के अधिकार एवं समानता के लिए आवाज उठायी. वे आज भी हमारे प्रेरणास्रोत हैं. डॉ राम मनोहर लोहिया पहले राजनेता थे, जिन्होंने खरसावां की घटना के बाद वहां जाकर इस घटना की तुलना जलियांवाला बाग की घटना से की थी. उन्होंने अपनी पत्रिका मैनकाइंड में ‘खरसावां में रक्त स्नान’ शीर्षक से एक लेख भी लिखा था. इस अवसर पर पुस्तकों का अनावरण किया गया. उन्होंने कहा कि अनूठी शोध परियोजनाओं से संबंधित इन पुस्तकों की उपलब्धता सभी विश्वविद्यालयों में होनी चाहिए. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे सभी ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के कहानियों का पता लगाएं एवं समाज को उनके योगदान से अवगत कराएं. उन्होंने कहा कि आज हम भगवान बिरसा मुंडा एवं अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण स्वतंत्र देश में रहते हैं. शहीदों के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता व्यक्त करना हमारा कर्तव्य है. इस राष्ट्रीय विचार मंथन में झारखंड के प्रतिभागियों के अलावा गोवा, तेलंगाना, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, नई दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के प्रतिभागी शामिल हुए. कार्यक्रम में झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी, डॉ दिनेश षाड़ंगी और खरसावां राजपरिवार की राजमाता भी शामिल हुईं.
राज्यपाल ने किया सम्मानित
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समावेशी विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं. वे हमारे युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं. युवाओं एवं देश को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ‘विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज’ का शुभारंभ किया है. यह आजादी के 100वें वर्ष अर्थात 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना है. इस मौके पर राज्यपाल ने देश के विभिन्न प्रांतों से आए लोगों को सम्मानित किया और दो दिवसीय कार्यक्रम में सार्थक चर्चा की कामना की.
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मैनकाइंड पत्रिका में लिखा था खरसावां में रक्त स्नान
झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ‘खरसावां स्मरण’ का उद्घाटन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने की. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ राम मनोहर लोहिया द्वारा 1958 में मैनकाइंड पत्रिका में ‘खरसावां में रक्त स्नान’ शीर्षक से लिखे गए लेख को संदर्भित करते हुए सैद्धांतिक राजनीति की बात की, जिसमें उन्होंने जनजातीय इतिहास को निरंतर संघर्ष और सत्य पर आधारित इतिहास बताया. डॉ लोहिया ने इन घटनाक्रमों से भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक बताया. इसी संदर्भ में उन्होंने आह्वान किया कि भारत ब्रिटिश विचारधारा से मुक्त होकर गांधीवादी सामाजिक मॉडल को अपनाए.