झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) ने सलाह देते हुए कृषि मंत्री बादल से कहा कि वे ऐसा विधेयक बनायें, जो जनहितवाला हो. साथ ही इसमें दिये जा रहे प्रावधान से लोगों पर किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़े. राज्यपाल रमेश बैस ने उक्त बातें झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2022 में निहित प्रावधानों पर चर्चा के दौरान कही. उन्होंने विधेयक में कई बिंदुओं पर मंत्री बादल और विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दिख का ध्यान आकृष्ट कराया.
वहीं दूसरी ओर कृषि मंत्री ने राज्यपाल को विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों से भी अवगत कराया. इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी भी उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि राज्यपाल के बुलावे पर कृषि मंत्री और सचिव राजभवन पहुंचे थे. चर्चा के बाद राज्यपाल के साथ मंत्री बादल, सचिव और अन्य अधिकारियों ने राजभवन उद्यान का भ्रमण किया.
विधानसभा से पारित किसी विधेयक पर राज्यपाल के साथ चर्चा के लिए पहली बार मंत्री राजभवन पहुंचे थे. उल्लेखनीय है कि इस विधेयक में कई बिंदुओं पर आपत्ति होने के कारण पूर्व में राज्यपाल इसे लौटा चुके हैं. इसके बाद सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए पुन: इस विधेयक को विधानसभा से पारित करा कर राजभवन स्वीकृति के लिए भेजा है. इसमें खरीदारों से दो फीसदी कृषि बाजार टैक्स और तुरंत नष्ट होनेवाले कृषि उपज पर एक फीसदी टैक्स वसूलने के प्रावधान पर कई संगठनों ने आपत्ति जतायी है. अब विधि विशेषज्ञों की राय लेकर राज्यपाल को स्थानीयता विधेयक भेजेगी सरकार.