झारखंड : राज्यपाल रमेश बैस ने तीसरी बार लौटाया झारखंड वित्त विधेयक-2022
प्रथम बार हिन्दी और अंग्रेजी संस्करण में रूपान्तरण संबंधी विभिन्न विसंगतियों के कारण इस विधेयक को वापस कर दिया गया था. इसके बाद यह विधेयक राज्य सरकार द्वारा संशोधित विधेयक को बिना झारखंड विधानसभा से पारित किए ही राज्यपाल रमेश बैस की सहमति के लिए प्रेषित कर दिया गया था.
रांची : झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड विधान सभा से पारित ‘झारखंड वित्त विधेयक-2022’ को राज्य सरकार को यह निदेशित करते हुए प्रेषित किया है कि इस विधेयक में उल्लेखित बिंदुओं व विवरणों की गंभीरतापूर्वक समीक्षा की जाए कि यह भारत के संविधान की अनुसूची VII के अंतर्गत राज्य सूची में समाहित है अथवा नहीं. विधेयक में बीमा अथवा अन्य प्रावधानों से संबंधित कोई विवरण संघ सूची अथवा समवर्ती सूची में तो सम्मिलित नहीं है? राज्यपाल ने राज्य सरकार को विधि विभाग से मंतव्य लेकर इस विधेयक को अनुमोदन के लिए भेजने का निदेश दिया.
विधि विभाग से मंतव्य लेकर अनुमोदन के लिए भेजने का निर्देश
आपको बता दें कि भारत के संविधान की अनुसूची VII के अंतर्गत संघ सूची-I के क्रम संख्या 47 में बीमा से संबंधित विषय का वर्णन किया गया है. राज्यपाल रमेश बैस ने उपरोक्त बिन्दुओं पर राज्य सरकार को विधि विभाग से मंतव्य प्राप्त कर इस विधेयक को अनुमोदन के लिए भेजने का निदेश दिया.
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राज्यपाल पहले भी दो बार लौटा चुके हैं विधेयक
यह विधेयक पूर्व में भी दो बार राज्यपाल रमेश बैस के अनुमोदन के लिए आया था. प्रथम बार हिन्दी और अंग्रेजी संस्करण में रूपान्तरण संबंधी विभिन्न विसंगतियों के कारण इस विधेयक को वापस कर दिया गया था. इसके बाद यह विधेयक राज्य सरकार द्वारा संशोधित विधेयक को बिना झारखंड विधानसभा से पारित किए ही राज्यपाल रमेश बैस की सहमति के लिए प्रेषित कर दिया गया. राज्यपाल रमेश बैस द्वारा राज्य सरकार को यह कहते हुए इस विधेयक को फिर वापस किया गया कि संशोधित विधेयक को झारखंड विधानसभा से पारित करा कर अनुमोदन प्राप्त करने के लिए प्रेषित करें.
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