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रांची वीमेंस कॉलेज में प्रशासनिक अनियमितता पर राज्यपाल ने की कार्रवाई, प्राचार्या को निलंबित करने का आदेश

राज्यपाल ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को तत्काल रांची वीमेंस कॉलेज में अन्य प्राचार्य/प्रभारी प्राचार्य नियुक्त करने का निर्देश भी दिया है. राज्यपाल ने कॉलेज में बीबीए विभाग में अनुबंध पर शिक्षिका के रूप में कार्यरत विजयता सिंह को तत्काल कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है.

रांची, संजीव सिंह : राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने रांची वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ शमशुन नेहार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है. साथ ही निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय डोरंडा कॉलेज निर्धारित करने का निर्देश दिया है. राज्यपाल ने यह बड़ी कार्रवाई डॉ नेहार को कॉलेज में वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं में सीधे उत्तरदायी पाये जाने तथा इसे बढ़ावा देने, उनके संरक्षण में ही कुछ विशिष्ट शिक्षक व कर्मियों के अवैध कार्यों में संलग्न रहने और प्राचार्य के रूप में अपने कार्य निष्पादन में पूर्णत: विफल रहने के कारण ही निलंबित करने का आदेश दिया है.

राज्यपाल ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को तत्काल रांची वीमेंस कॉलेज में अन्य प्राचार्य/प्रभारी प्राचार्य नियुक्त करने का निर्देश भी दिया है. राज्यपाल ने कॉलेज में बीबीए विभाग में अनुबंध पर शिक्षिका के रूप में कार्यरत विजयता सिंह को तत्काल कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है. साथ ही कॉलेज में कार्यरत अली आजाद अंसारी जो नामांकन, क्रय, लेखा, परीक्षा सभी शाखाओं में कार्य कर रहे हैं, को इन अनियमितताओं में दोषी मानते हुए तत्काल कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं, राज्यपाल श्री बैस ने सीएनडी विभाग में गेस्ट फेकल्टी के रूप में कार्यरत गजाला मतिन को तत्काल कॉलेज से हटाने का आदेश दिया है. साथ ही रांची वीमेंस कॉलेज या रांची विवि के अंतर्गत किसी भी अन्य कॉलेज में उन्हें गेस्ट फेकल्टी के रूप में आमंत्रित किये जाने पर भी रोक लगा दी है.

क्या है मामला

रांची वीमेंस कॉलेज में अनियमितता की शिकायत राज्यपाल से की गयी थी. इसके बाद राज्यपाल ने वीसी डॉ अजीत कुमार सिन्हा को कमेटी बना कर जांच का आदेश दिया. चार सदस्यीय कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट कुलपति को सौंपी. इसके आधार पर वीसी ने कार्रवाई करने की अनुशंसा राज्यपाल से की. रिपोर्ट में मुख्य रूप से पाया गया कि कॉलेज प्लेसमेंट सेल बनाया गया, जिसमें विजयता सिंह, हर्षिता सिन्हा व डॉली को रखा गया. सेल की को-ऑर्डिनेटर रीना भदानी व स्वर्णिम को बनाया गया, पर इन्हें सेल की गतिविधि से अलग रख कर विजयता सिंह अकेले सेल का संचालन करने लगीं.

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छात्राओं से प्लेसमेंट के नाम पर एक हजार तीन हजार रुपये तक वसूला. नियम विरुद्ध बाहरी प्राइवेट एजेंसी व संस्थान को कॉलेज में बुलाकर प्लेसमेंट व सेमिनार के नाम पर वित्तीय अनियमितता की. रिपोर्ट में लिखा गया है कि प्राचार्य को सब जानकारी रहने के बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. विजयता सिंह ने एफआइएनएसइआरवी नामक संस्था से ऑनलाइन कोर्स के नाम पर 36 छात्राओं से हजारों रुपये लिया. संस्था द्वारा 16 छात्राओं को उत्तीर्ण घोषित कर सर्टिफिकेट दिया, लेकिन विजयता सिंह ने सभी 36 छात्राओं को अपने स्तर से सर्टिफिकेट बना कर दे दिया. इसी प्रकार वर्ग तीन का कर्मचारी रहते हुए अली ने स्नातक की कक्षाएं लीं, प्रश्न पत्र सेट किया. उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया.

छात्राओं से परम कंप्यूटर के माध्यम से फॉर्म भरने आदि के नाम पर कमाई की. रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि प्राचार्य को हर स्तर पर शिकायत मिलने के बाद भी उन्होंने दोनों को खूली छूट दे रखी थी. रिपोर्ट में है कि सीएनडी की गजाला मतिन ने इंटर्नशिप के नाम पर छात्राओं से हजारों रुपये की वसूली की. छात्राओं से अंतिम सेमेस्टर में डिग्री सर्टिफिकेट के पैसे लेने के बाद भी दीक्षांत समारोह में प्रत्येक छात्रा से अलग से डिग्री के लिए पैसे लिये गये. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सोनू अफरोज की नियुक्ति सहित कई अन्य बिंदुवार अनिमयमितता की जानकारी दी है.

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