रांची (विशेष संवाददाता). राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन से रांची यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (रूटा) के पदाधिकारी मिल कर उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा 69 शिक्षकों को पीएचडी इंक्रीमेंट के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर विवि को वापस करने की जानकारी देंगे. रूटा के अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में आयोजित बैठक में निदेशालय द्वारा लौटाये गये प्रस्ताव की समीक्षा की गयी. इसमें पाया गया कि शिक्षकों के प्रस्ताव में जिस प्रकार की त्रुटि बतायी गयी हैं, वह निराधार हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि सभी शिक्षकों का मंतव्य कॉपी पेस्ट कर दिया गया है. निदेशालय के संबंधित अधिकारी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रहे हैं. बैठक में शिक्षकों ने कहा कि पहले वे लोग रांची विवि के कुलपति व उच्च शिक्षा निदेशक से मिल कर वस्तुस्थिति से अवगत करायेंगे, इसके बाद राज्यपाल के रांची लौटने के बाद राजभवन में मिल कर उन्हें भी वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए हस्तक्षेप करने का आग्रह करेंगे. शिक्षकों ने कहा कि निदेशालय में संबंधित पदाधिकारी द्वारा डॉक्यूमेंट का सही प्रकार से निरीक्षण नहीं किया गया. पांच महीना तक पूरे डॉक्यूमेंट को सही प्रकार से देखने के बावजूद एक भी योग्य आवेदक नहीं मिलना आश्चर्य का विषय है. बैठक में संयोजक डॉ कंजीव लोचन, उपाध्यक्ष डॉ आनंद कुमार ठाकुर, कोषाध्यक्ष डॉ अवध बिहारी महतो सहित डॉ नीरज, डॉ राजकुमार सिंह, डॉ रोजलिना, डॉ अनुपमा सिंह, डॉ किरण तिवारी, डॉ अनुजा विवेक, डॉ सावित्री कुमारी, डॉ शशिकांता टोप्पो, डॉ गीता सिंह, डॉ रंजीत कुमार आदि उपस्थित थे.
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