अब झारखंड के अस्पतालों की पहचान होगी रंगों के आधार पर, जानिए कैसे

झारखंड के सरकारी अस्पताल अब रंगों के आधार पर पहचाने जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिये हैं. इसके तहत अस्पतालों को 3 कैटेगिरी में बांटा गया है

By Prabhat Khabar News Desk | March 2, 2022 8:44 AM

रांची : राज्य के सरकारी अस्पताल अब अलग-अलग रंग से पहचाने जायेंगे. चिकित्सा महाविद्यालय, जिला अस्पताल और राज्यस्तरीय व क्षेत्रीय चिकित्सा केंद्र के भवन सफेद रंग के होंगे. वहीं अनुमंडल मुख्यालय के अस्पताल हल्के पीले, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हल्के गुलाबी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हल्के नीले और स्वास्थ्य उप केंद्र हल्के हरे रंग के होंगे.

अस्पतालों को रंगों के साथ अलग-अलग कैटेगरी में भी बांटा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर सभी उपायुक्तों, सिविल सर्जन और स्वास्थ्य अधिकारियों को आदेश जारी किया है. अधिकारियों को अस्पताल व आवासीय परिसर के रख-रखाव,संचालन,प्रबंधन और मरम्मत से संबंधित निर्देश दिया गया है.

अस्पतालों को तीन कैटेगरी में बांटा :

इसके साथ ही राज्य के अस्पतालों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. चिकित्सा महाविद्यालय व जिला अस्पतालों को ‘ए’ श्रेणी में, अनुमंडल मुख्यालय के अस्पताल को ‘बी’ श्रेणी में और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र और अन्य चिकित्सा केंद्र को ‘सी’ श्रेणी में बांटा गया है.

मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी अधीक्षक, जिला अस्पताल की जिम्मेदारी उपाधीक्षक, अनुमंडल अस्पताल की जिम्मेदारी उपाधीक्षक या प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं मातृ व शिशु कल्याण केंद्र की जिम्मेदारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दी गयी है. पांच साल के अंतराल पर भवन के रखरखाव और मरम्मत की निगरानी सिविल सर्जन करेंगे.

भवनों की मरम्मत के लिए फंड स्वीकृति का अधिकार :

अस्पतालों के भवनों की मरम्मत के लिए स्वास्थ्य पदाधिकारियों को फंड आवंटित करने का अधिकार तय किया गया है. सिविल सर्जन पांच लाख तक, उप निदेशक 25 लाख तक, कॉलेज के प्राचार्य 25 लाख तक, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं एक करोड़ तक और स्वास्थ्य विभाग एक करोड़ से अधिक की राशि आंवटित कर सकता है. वहीं पीएचसी और सीएचसी को भी फंड स्वीकृत करने का अधिकार भी तय किया गया है.

Posted By: Sameer Oraon

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