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स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा मामले में राज्य सरकार ने लिया समय

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2016 के तहत नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी, राज्य सरकार व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) का पक्ष सुना.

By Prabhat Khabar News Desk | November 22, 2024 12:51 AM
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रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2016 के तहत नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी, राज्य सरकार व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) का पक्ष सुना. सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया. अदालत ने समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तिथि निर्धारित की.

अधिक अंक रहने के बाद भी जेएसएससी ने नहीं की नियुक्ति की अनुशंसा

इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि कई ऐसे सफल अभ्यर्थी है, जिनका अंक उनसे कम है, लेकिन उनकी भी नियुक्ति कर दी गयी है. अधिक अंक रहने के बाद भी उनकी नियुक्ति के लिए जेएसएससी ने अनुशंसा नहीं की है. मेरिट लिस्ट से स्थिति स्पष्ट नहीं होती है. उसमें काफी कमियां हैं. हजारों सीटें खाली है. वहीं जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने प्रार्थियों की दलील का विरोध किया. पूर्व में जेएसएससी ने 26 विषयों का स्टेट मेरिट लिस्ट जारी किया था. पिछली सुनवाई में अदालत ने पूछा था कि कितने अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई है और यह नियुक्ति कब हुई है. कितनी सीटें खाली है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मीना कुमारी व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर की गयी है. जेएसएससी ने वर्ष 2016 में हाइस्कूल शिक्षक के 17572 पदों पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की थी.

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