झारखंड : मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना का लाभ परिवार के एक ही सदस्य को, इन लोगों को मिलेगी प्राथमिकता
योना की स्वीकृति के बाद आवेदक वाहन क निबंधन करा कर परमिट प्राप्त करने के लिए आवेदन एक माह के अंदर देंगे. विशेष परिस्थिति में समय-सीमा का विस्तार जिला परिवहन पदाधिकारी कर सकेंगे.
रांची : मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना का लाभ परिवार के एक ही सदस्य को मिलेगा. योजना के तहत वह दो वाहन प्राप्त कर सकते हैं. परिवार का अर्थ पति-पत्नी और बच्चा माना जायेगा. किसी कंपनी के माध्यम से योजना का लाभ लेने के लिए कंपनी के किसी एक निदेशक के नाम को ही स्वीकृति दी जायेगी. योजना के तहत आवेदक के चयन प्रक्रिया में अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी) पिछड़ा वर्ग, महिला और स्थानीय निवासी को प्राथमिकता दी जायेगी. अनुसूचित जनजाति को 10 अंक, स्थानीय निवासी को छह अंक, अनुसूचित जाति को आठ अंक, पिछड़ा वर्ग को पांच अंक और महिला को पांच अंक दिये जायेंगे.
इस संबंध में परिवहन विभाग ने मार्गदर्शी नीति (एसओपी) जारी कर दी है. योजना के तहत अधिसूचित ग्रामीण मार्ग में पड़नेवाले अंचल में रहने वाले व्यक्ति को ही स्थानीय निवासी का अंक प्रदान किया जायेगा. अंक समान होने की स्थिति में लॉटरी के माध्यम से लाभुक का चयन किया जायेगा. जिन लाभुकों का चयन नहीं हो पायेगा, वे चिह्नित तीन ग्रामीण मार्गों के अतिरिक्त अन्य विकल्प के लिए फिर से आवेदन दे सकेंगे. योना की स्वीकृति के बाद आवेदक वाहन क निबंधन करा कर परमिट प्राप्त करने के लिए आवेदन एक माह के अंदर देंगे. विशेष परिस्थिति में समय-सीमा का विस्तार जिला परिवहन पदाधिकारी कर सकेंगे.
योजना के तहत सात से 42 सीट क्षमता वाले वाहनों में अधिकृत निर्माता कंपनी द्वारा लगाये गये जीपीएस को परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर के साथ इंटीग्रेशन करना आवश्यक होगा. वहीं योजना के सफल संचालन के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी जिला शिकायत निवारण कोषांग का गठन करेंगे. वहीं शिकायतों का भी डीटीओ ही निपटारा करेंगे. प्रत्येक माह के 15 तारीख को या अवकाश की स्थिति में अगली तारीख को आवेदनों पर गठित कमेटी निर्णय लेगी.
आवेदन समर्पित करने व चयन की क्या होगी प्रक्रिया :
योजना के तहत वाहनों के परिचालन के लिए आवेदन जिला परिवहन पदाधिकारी को देना होगा. जरूरी कागजात के अलावा 10 हजार रुपये की बैंक गारंटी भी देना होगा. आवेदन के निष्पादन के बाद तत्काल बैंक गारंटी आवेदक को लौटा दिया जायेगा. आवेदन में ग्रामीण मार्गों का उल्लेख करना आवश्यक होगा. उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी आवेदनों पर अंतिम निर्णय लेगी. उप परिवहन आयुक्त सह सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार सदस्य, जिला परिवहन पदाधिकारी सदस्य सचिव, उपायुक्त द्वारा नामित अनुसूचित जनजाति या अनुसूचित जाति के पदाधिकारी सदस्य होंगे. साथ ही संबंधित बैंक, वित्तीय संस्थान के एलडीएम सदस्य होंगे.
वाहन का रंग हल्का नीला होगा :
मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना 2022 के तहत चलने वाले वाहनों का रंग हल्का नीला होगा. वाहनों के विंडस्क्रीन के ऊपरी किनारे पर और वाहन के बॉडी के दोनों ओर बाहरी भाग पर सफेद रंग से पेंट की गयी पट्टी पर हरे रंग से मुख्यमंत्री ग्राम ग्राड़ी लिखना होगा. इसके अलावा ग्रामीण मार्ग जिस पर वाहन चलेंगे, उस मार्ग का भी नाम लिखना होगा. पट्टी की चौड़ाई 20 सेंटीमीटर व ऊंचाई में अक्षरों का आकार 16 सेंटीमीटर होगा. जिसे कम से कम 25 सेंटीमीटर की दूरी से पढ़ा जा सके.
महत्वपूर्ण तथ्य :
-योजना की शर्तों का उल्लंघन किये जाने पर डीटीओ लाभार्थी को शो-कॉज कर सकेंगे. दंड के तौर पर स्वीकृत ब्याज सब्सिडी की वसूली या कटौती होगी. अथवा योजना के तहत स्वीकृत सभी प्रकार के लाभ से वंचित करना अथवा वाहन के बैठाने की क्षमता एवं निर्धारित मार्ग के अनुरूप प्रति माह भुगतान की गयी अथवा किये जाने वाले वित्तीय सहायता की राशि की तीन गुणा राशि सरकारी कोष में जमा करना होगा. अथवा वृहत कदाचार प्रमाणित होने एवं राजकोषीय क्षति परिलक्षित होने पर वाहन स्वामी को भुगतान की गयी सभी प्रकार की सब्सिडी राशि तथा उक्त राशि का दो प्रतिशत प्रतिमाह अर्थदंड सहित सरकारी कोष में जमा करना या विधिसम्मत कानूनी कार्रवाई करना. उक्त सभी प्रकार का विवाद होने पर परिवहन आयुक्त का निर्णय अंतिम होगा.
-किसी भी वाहन को विशेष परिस्थिति में एक वर्ष में अधिकतम 12 बार मार्ग परिवर्तन की अनुमति होगी. लेकिन प्रारंभिक व गंतव्य मार्ग में कोई परिवर्तन नहीं होगा. विशेष परिस्थिति में वाहन का परिचालन नहीं करने संबंधी आवेदन देने पर एक माह में अधिकतम तीन दिन वाहन नहीं चलाने की अनुमति होगी.