Ranchi News : पेसा नियमावली पर महाबहस का आयोजन
Ranchi News : रविवार को पुरुलिया रोड स्थित एसडीसी सभागार में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित पेसा नियमावली 2024 पर महाबहस का आयोजन किया गया.
रांची. आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद् के तत्वावधान में रविवार को पुरुलिया रोड स्थित एसडीसी सभागार में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित पेसा नियमावली 2024 पर महाबहस का आयोजन किया गया. इसकी शुरुआत कोयलकारो के शहीदों को श्रद्धांजलि देने से हुई. मौके पर आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद् की महासचिव सुषमा बिरूली ने कहा कि जो पेसा नियमावली बन रही है, उसे हमें जानना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पेसा कानून 1996 के 23 प्रावधानों के अनुरूप नहीं है. इसके बाद भी हमारे आदिवासी बुद्धिजीवी इसे अलग-अलग तरीके से परिभाषित कर रहे हैं और आदिवासी समुदाय के कुछ लोग अपना व्यक्तिगत फायदा देखकर इसे सही ठहरा रहे हैं. पेसा कानून 1996 में ग्रामसभा को ज्यादा शक्तियां दी गयी हैं, इसलिए इसे धरातल पर जल्द लागू करना चाहिए.
ग्रामसभा के अधिकारों को छीनने की कोशिश
ग्रामसभा सुरक्षा मंच के राधाकृष्ण सिंह मुंडा ने कहा कि जेपीआरए 2001 को लागू करने की कोशिश ग्रामसभा के अधिकारों को छीनने की कोशिश है. इसमें ग्रामसभा के ऊपर मुखिया को बैठाकर आदिवासियों को ठगने का काम किया जा रहा है. वहीं परिषद के अध्यक्ष ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा कि झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में विगत 24 वर्षों से संवैधानिक संकट की स्थिति है. यहां प्रशासन और नियंत्रण संविधान के अनुच्छेद 244-1 के अंतर्गत पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों के अनुरूप नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि असंवैधानिक तरीके से जेपीआरए 2001 को विगत 24 वर्षों से राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में लागू कर दिया गया. उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि पेसा कानून 1996 के 23 प्रावधानों को सही नियमावली द्वारा लागू किया जाये. ऐसा नहीं करने पर पेसा उलगुलान किया जायेगा.
पूरे झारखंड में बहस होनी चाहिए
सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पा टेटे ने कहा कि पेसा नियमावली 2024 पर पूरे झारखंड में बहस होनी चाहिए, क्योंकि गांवों तक बात नहीं पहुंच रही है. महाबहस में संयुक्त पड़हा खूंटी के सलाहकार शिबू अल्बर्ट होरो, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता दीपक बाड़ा, वाल्टर केरकेटा, प्रेमचंद मुर्मू और राजेंद्र केरकेट्टा ने भी अपने विचार रखे. संचालन मेरी क्लोडिया सोरेंग ने किया.
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