रांची, राणा प्रताप. झारखंड में संचालित वित्तरहित उच्च विद्यालयों, इंटर कॉलेजों, संस्कृत विद्यालयों व मदरसा के अनुदान के लिए अपीलीय अभ्यावेदन पर अब तक अनुदान समिति ने विचार नहीं किया है. संस्थानों का अनुदान काटे जाने के बाद अपीलीय अभ्यावेदन देने को कहा गया था. संस्थानों की ओर से अपीलीय अभ्यावेदन के साथ बंधक विलेख व उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराया गया है. मई माह के प्रथम सप्ताह में अनुदान समिति की बैठक होनी थी, लेकिन उक्त बैठक अब तक नहीं हो पायी है. अनुदान काटे जाने के बाद संबंधित संस्थानों के शिक्षकों व कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है.
बंधक विलेख व उपयोगिता प्रमाण पत्र के कारण कटा था अनुदान
शिक्षण संस्थानों की ओर से बंधक विलेख व उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करने के कारण अनुदान काट दिया गया था. इसके पूर्व के वर्षों में इन्हें नियमित रूप से अनुदान दिया जाता रहा है. इन संस्थानों ने अनुदान को लेकर अपीलीय अभ्यावेदन भी दिया है. बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 66 इंटर कॉलेजों का अनुदान बंधक विलेख व उपयोगिता प्रमाण पत्र की कमी दिखा कर काट दिया गया, जबकि सभी इंटर कॉलेज ऑनलाइन के समय बंधक विलेख व उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा किये थे. 180 उच्च विद्यालयों का अनुदान कमरों को लेकर काट दिया गया है, जबकि सभी स्कूलों के पास पर्याप्त कमरे उपलब्ध हैं. पांच संस्कृत विद्यालयों व 20 मदरसा के अनुदान भी कमरे व बंधक विलेख को लेकर काट दिया गया है.
10 जून तक अनुदान समिति की बैठक हो
10 जून तक अनुदान समिति की बैठक नहीं होती है, तो झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में शिक्षक आंदोलन पर उतरेंगे. राजभवन के समक्ष शिक्षक महाधरना देंगे. कहा गया कि मोर्चा के प्रतिनिधियों से वार्ता के क्रम में शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने आश्वासन दिया था कि मई माह के प्रथम सप्ताह में स्कूल व इंटर कॉलेजों को अनुदान दे दिया जायेगा, लेकिन मई माह समाप्त हो गया. जून माह चल रहा है, लेकिन अनुदान के लिए अपीलीय अभ्यावेदनों पर निर्णय लेने को लेकर अब तक अनुदान समिति की बैठक तक नहीं हुई है. इस मुद्दे पर विचार के लिए शनिवार को डॉ सुरेंद्र झा की अध्यक्षता में बैठक हुई. अनुदान समिति की बैठक नहीं होने पर आक्रोश व्यक्त किया गया. कहा गया कि जानबूझ कर अनुदान समिति की बैठक आयोजित करने में विलंब किया जा रहा है. विभाग के पोर्टल व सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के चलते स्पष्ट प्रिंट दिखाई नहीं पड़ रहा है. स्कूल-कॉलेजों ने ऑनलाइन के साथ-साथ जैक व डीईओ के यहां दो-दो हार्ड कॉपी भी जमा किया था. यहां से सभी कागजात विभाग को भेजा गया था, इसके बावजूद संस्थानों को अनुदान नहीं दिया गया. इस अवसर पर सुरेंद्र झा, रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादिर आहमद, अरविंद सिंह, बिरसो उराव, नरोत्तम सिंह, कुंदन कुमार, गणेश महतो, देवनाथ सिंह, बलदेव पांडेय, चंद्रशेखर, रंजीत मिश्र, मनीष कुमार आदि उपस्थित थे.