रांची : केंद्रीय जीएसटी व उत्पाद शुल्क विभाग ने झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) सहित 19 संस्थाओं से 11.80 करोड़ रुपये की वसूली की है. इन संस्थानों द्वारा जीएसटी और जीएसटी लागू होने से पहले सर्विस टैक्स में गड़बड़ी की गयी. सबसे ज्यादा राशि की वसूली जीएसएमडीसी से की गयी है. रांची, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद, देवघर और पाकुड़ के संस्थाओं से वसूली की गयी है.
केंद्रीय जीएसटी व उत्पाद शुल्क विभाग ने जीएसटी में गड़बड़ी से संबंधित कुल 39 मामलों की जांच की थी. इन मामलों में 208.80 करोड़ रुपये की राशि निहित है. जांच के दायरे में शामिल किये गये 39 में से 18 मामले सिर्फ कागज पर व्यापार कर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने से जुड़ा है. इन 18 फर्जी संस्थाओं ने कागजी व्यापार दिखा कर इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में 152.59 करोड़ रुपये का फायदा उठाया.
इससे सरकार को 152.59 करोड़ रुपये के टैक्स का नुकसान हुआ. मामले की विस्तृत जांच में पाया गया कि कागजी व्यापार करनेवालों से राज्य व बाहर के बड़े बिल्डर और ठेकेदार लाभान्वित हुए हैं. इन ठेकेदारों और बिल्डरों ने अपने हिसाब में बिना सामग्री खरीदे ही सिर्फ खरीद से संबंधित बिल को शामिल कर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया. फिलहाल, कागजी व्यापारियों से लाभान्वित होनेवाले एक ठेकेदार और ट्रांसपोर्टर को चिह्नित किया गया है.
केंद्रीय जीएसटी व उत्पाद शुल्क विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में वास्तविक व्यापार करनेवाली संस्थाओं द्वारा की गयी गड़बड़ी की जांच कर 19 संस्थाओं से 11.80 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है. इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट के छह करोड़ रुपये शामिल हैं.
जेएसएमडीसी, रांची 185.55
संजय कुमार उपाध्याय, रांची 500.20
इगल इंफ्रा लिमिटेड, रांची 62.00
आरएनपी इंटरप्राइजेज, रांची 41.54
प्रणामी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, रांची 17.83
जय माता दी कंस्ट्रक्शन, रांची 6.00
केएनपी सिंह, रांची 3.57
साहिल प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग, रामगढ़ 4.38
सौरभ ट्रेडर्स, रामगढ़ 2.96
विनय कुमार सिंह, हजारीबाग 70.25
कृष्णा ऑटो व्हील्स, देवघर 1.5
लंगटा बाबा, गिरिडीह 29.92
टहल कंसल्टिंग इंजीनियरिंग, पाकुड़ 15.75
दिव्या कॉन्कास्ट, बोकारो 24.71
खगेंद्र नाथ महथा, बोकारो 25.62
श्रीवाली मेटल, बोकारो 76.43
एमआर इंटरप्राइजेज, बोकारो 1.60
जेके ओमैक्स रियलकॉन जेवी, धनबाद 75.00
मास्टर सुरेंद्र दास एंड कंपनी, धनबाद 35.43
Posted By : Sameer oraon