रांची. कोयला कंपनियों पर 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाये की मांग को झारखंड जीएसटी काउंसिल में भी रखेगा. झारखंड ने केंद्रीय फोरम में इस मांग को मजबूती के साथ रखने का फैसला लिया है. 20-21 दिसंबर को केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राजस्थान के जैसलमेर में प्री-बजट मीटिंग बुलायी है. यहां जीएसटी काउंसिल की भी बैठक होगी. इस बैठक में देशभर के राज्यों के वित्त मंत्री और पदाधिकारी जुटेंगे. बैठक में हिस्सा लेने के लिए झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और वित्त सचिव प्रशांत कुमार जैसलमेर रवाना हो गये हैं. इस बैठक में राज्य सरकार केंद्रीय बजट को लेकर अपना सुझाव रखेगी. इसके साथ विकास व कल्याणकारी योजनाओं में हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग होगी.
विशेष सहायता की मांग करेंगे
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर इस बैठक में बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्रों के लिए विशेष सहायता की मांग करेंगे. इसके साथ ही कल्याणकारी योजनाओं जैसे आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ करने, आदिवासी विकास की योजनाएं, वृद्धा और विकलांग पेंशन में केंद्रीय मदद बढ़ाने की मांग होगी. रोजगार सृजन में केंद्रीय सहायता को लेकर भी केंद्रीय बजट में झारखंड की हिस्सेदारी मांगी जायेगी. राज्य सरकार की दलील है कि जीएसटी लागू होने को बाद राज्य का राजस्व घटा है. ऐसे में इसकी प्रतिपूर्ति के लिए व्यवस्था की जाये. मुआवजे की अवधि अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने की मांग राज्य की ओर से की जायेगी.
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