Guillain Barre Syndrome: गुइलेन बैरे सिंड्रोम की दूसरी संदिग्ध बच्ची RIMS में एडमिट, प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है रांची की मासूम
Guillain Barre Syndrome: झारखंड में गुइलेन बैरे सिंड्रोम की दूसरी संदिग्ध बच्ची (कोडरमा) का रिम्स में इलाज चल रहा है. वह वेंटिलेटर पर है. रांची की साढ़े पांच साल की बच्ची भी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है. उसकी भी स्थिति गंभीर है.
Guillain Barre Syndrome: रांची-झारखंड में गुइलेन बैरे सिंड्रोम का दूसरा संदिग्ध मामला सामने आया है. कोडरमा की सात वर्षीय बच्ची को गंभीर अवस्था में रिम्स में भर्ती कराया गया है. बच्ची को पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया गया है. उसका इलाज डॉ सुनंदा झा की देखरेख में चल रहा है. जानकारी के अनुसार बच्ची कुछ दिन पहले परिजनों के साथ मुंबई गयी थी. वहां बीमार पड़ने पर उसका इलाज भी चला था. रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार ने बताया कि बच्ची को परिजन पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराने ले गये थे, लेकिन राशन कार्ड नहीं होने की वजह से आयुष्मान योजना के तहत उसको भर्ती नहीं लिया गया. इसके बाद डब्लूएचओ द्वारा संपर्क साधा गया. शिशु वार्ड में वेंटिलेटर बेड उपलब्ध नहीं था, लेकिन अन्य विभाग में शिफ्ट कर बच्ची का तत्काल इलाज शुरू किया गया.
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम की संदिग्ध बच्ची यहां भी भर्ती
रांची के बूटी मोड़ स्थित बालपन अस्पताल में भी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम की संदिग्ध बच्ची भर्ती है. साढ़े पांच साल की बच्ची की स्थिति गंभीर है. वेंटिलेटर पर रखकर उसका इलाज किया जा रहा है. शुक्रवार को रिम्स की टीम बालपन अस्पताल में बच्ची को परामर्श देने गयी थी. वहां इलाज कर रहे डॉक्टर से बातचीत कर आवश्यक निर्देश दिया गया था.
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम मरीज के लिए बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था-निदेशक
रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार ने बताया कि रिम्स में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम मरीज के लिए अलग से बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था कर दी गयी है. रिम्स में जांच की सुविधा है. इसलिए ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री भी इस पर खुद नजर बनाये हुए हैं. उनके निर्देशों का पालन किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: Guillain Barre Syndrome: सीएम हेमंत सोरेन ने की GBS की रोकथाम की तैयारियों की समीक्षा, कितना तैयार है रिम्स?
ये भी पढ़ें: टाटा स्टील के कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा टाटा वर्कर्स यूनियन