Guillain Barre Syndrome: सीएम हेमंत सोरेन ने की GBS की रोकथाम की तैयारियों की समीक्षा, कितना तैयार है रिम्स?

Guillain Barre Syndrome: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी की रोकथाम के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने मरीजों की पहचान करने एवं उनके इलाज की विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया.

By Guru Swarup Mishra | January 31, 2025 9:04 PM

Guillain Barre Syndrome: रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी के संक्रमण की रोकथाम एवं चिन्हित मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने मरीजों की पहचान करने एवं उनके इलाज की विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया. स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी बैठक में ऑनलाइन जुड़े थे. स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी के दुष्प्रभाव, लक्षण एवं बचाव से संबंधित जानकारी दी. मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, रिम्स के निदेशक प्रो (डॉ) राज कुमार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक अबू इमरान एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्त और सिविल सर्जन समीक्षा बैठक में उपस्थित थे.

आम जनमानस को जीबीएस से बचाव के लिए करें जागरूक


समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी से ग्रस्त मरीजों की पहचान करने एवं अस्पतालों में उनके समुचित इलाज के लिए विशेष व्यवस्था रखें. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जीबीएस के संक्रमण से बचने के लिए राज्य में व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से बचाव के लिए आम जनमानस को जागरूक करने की आवश्यकता है.

दूषित जल और कच्चा भोजन सेवन करने से फैलता है


गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी दूषित जल और कच्चा भोजन सेवन करने से फैलता है. लोगों में इस बीमारी को लेकर कोई भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो, यह सुनिश्चित किया जाए. यह बीमारी कोरोना संक्रमण की तरह एक-दूसरे से नहीं फैलता है. इस बीमारी को लेकर बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. लोगों के बीच यह संदेश पहुंचाएं. जागरूकता ही इस बीमारी से बचने का सबसे बेहतर माध्यम है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिस राज्य, शहर या जगहों पर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी के मरीज ज्यादा पाए गए हैं, उन क्षेत्रों से झारखंड पहुंचने वाले व्यक्तियों की जांच की व्यवस्था करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के किसी स्थान पर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम जांच का एक निःशुल्क सेंटर स्थापित करें.

अस्पतालों में बेड, दवा सहित अन्य जरूरी व्यवस्था रखें


मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी से निपटने के लिए सभी अस्पतालों में बेड, दवा, मेडिकल ऑक्सीजन इत्यादि की पुख्ता व्यवस्था रखें. इस बीमारी से संबंधित कोई भी केस मिलने पर तत्काल रिम्स रेफर करें. संदिग्ध मरीजों को रिम्स तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम को अलर्ट रखें ताकि ससमय मरीज को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपलब्ध कराया जा सके. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि इस बीमारी से संबंधित न्यूज, एक्टिविटीज एवं अपडेट पर पैनी नजर रखें ताकि बीमारी के खतरे की तैयारी समय रहते की जा सके. बीमारी के इलाज में किसी को कई दिक्कत न हो यह भी सुनिश्चित करें.

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम को लेकर तैयार है रिम्स

समीक्षा के क्रम में रिम्स निदेशक प्रो (डॉ) राजकुमार ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को वर्चुअल माध्यम से गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी के मरीज की पहचान और उनके समुचित इलाज किस प्रकार की जाए इसकी विस्तृत जानकारी साझा की. इस बीमारी से बचाव की गाइडलाइन शीघ्र सभी सिविल सर्जन सहित संबंधित तक उपलब्ध कराए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के गुणवत्तापूर्ण इलाज के लिए रिम्स पूरी तरह तैयार है. कोई भी संदिग्ध केस मिलने पर आप तुरंत मरीज को रिम्स रेफर करें. रिम्स जेबीएस को लेकर हाईअलर्ट मोड में है. रिम्स निदेशक ने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में सभी लोग इस बीमारी से बचाव के लिए आमजनों को अधिक से अधिक जागरूक करें.

ये भी पढ़ें: Palamu Crime: झारखंड के पलामू में दिनदहाड़े हत्या, ‘हीरो बनते हो’ कहते ही अपराधियों ने बीच बाजार में मार दी गोली

ये भी पढ़ें: ACB Trap: हजारीबाग से पंचायत सचिव रिश्वत लेते अरेस्ट, एसीबी ने मनरेगा के लाभुक से घूस लेते दबोचा

Next Article

Exit mobile version