सुखनी के नरकंकाल को भेजा गया रांची रिम्स, पुलिस ने की है पोस्टमार्टम कर दुष्कर्म की भी जांच की मांग
लेकिन सदर अस्पताल गुमला के चिकित्सक टीम द्वारा नरकंकाल का अवलोकन करने के बाद पोस्टमार्टम गुमला में नहीं होने पर उसे रिम्स रांची रेफर कर दिया. इस संबंध में डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने कहा कि बरामद नरकंकाल एक माह से अधिक समय का लग रहा है. शव में कुछ बचा ही नहीं है.
गुमला : रायडीह थाना के लालमाटी गांव की कोरवा जनजाति की महिला 70 वर्षीय सुखनी कोरवाइन की हत्या के बाद बरामद नर कंकाल को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गुमला भेजा था. परंतु सिर्फ हड्डी होने के कारण शव को फॉरेंसिक जांच के लिए रांची रिम्स भेजा गया. इधर, गुमला सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान पुलिस ने महिला के साथ बलात्कार होने की पुष्टि की जांच करने की मांग की थी.
लेकिन सदर अस्पताल गुमला के चिकित्सक टीम द्वारा नरकंकाल का अवलोकन करने के बाद पोस्टमार्टम गुमला में नहीं होने पर उसे रिम्स रांची रेफर कर दिया. इस संबंध में डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने कहा कि बरामद नरकंकाल एक माह से अधिक समय का लग रहा है. शव में कुछ बचा ही नहीं है.
उसकी जांच के लिए गुमला के पोस्टमार्टम हाउस में संसाधनों की कमी है. जिसके कारण उसे रांची भेजा गया. यहां बता दें कि सुखनी झाड़फूंक का काम करती थी. गांव के ही एक युवक की मौत के बाद कुछ लोगों ने अंधविश्वास में आकर सुखनी की हत्या कर दी थी. इसके बाद शव को जंगल में ले जाकर गाड़ दिया था. अंधविश्वास को लेकर हुई सुखनी कोरवाईन हत्याकांड में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें सिवनी कोरवाईन, मांगो कोरवाईन, पोको कोरवाईन व तिजवा कोरवा है.