कभी सड़क पर छोड़ दिया था, अब प्लेन से वापस बुला रहीं कंपनियां
कोरोना काल में सबसे ज्यादा दिक्कत प्रवासी मजदूरों को हो रही है. लॉकडाउन के दौरान कई कंपनियों व फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण दूसरे राज्यों से मजदूरों को झारखंड आने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी.
रांची : कोरोना काल में सबसे ज्यादा दिक्कत प्रवासी मजदूरों को हो रही है. लॉकडाउन के दौरान कई कंपनियों व फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण दूसरे राज्यों से मजदूरों को झारखंड आने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. कई मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर अपने घर पहुंचे, तो कई लोग मुंबई, बेंगलुरु, सूरत, अहमदाबाद व हैदराबाद जैसे शहरों से स्पेशल ट्रेन से आये. अब धीरे-धीरे कंपनियां खुल रही हैं, तो उसमें काम करनेवालों की जरूरत हो रही है.
ऐसे में कंपनियां फोन पर मजदूरों से संपर्क कर रही हैं. साथ ही मजदूरों को विमान का टिकट भेज कर वापस काम पर बुलाया जा रहा है. राजधानी के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर प्रतिदिन ऐसे लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. झारखंड के विभिन्न जिलों से काफी तादाद में मजदूर विभिन्न शहरों को जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं. एयरपोर्ट में इन दिनों मजदूरों की लंबी कतार लगी रहती है.
प्रतिदिन 10 फ्लाइट भरती हैं उड़ान – बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली व अन्य शहरों के लिए प्रतिदिन 10 फ्लाइट उड़ान भरती है. इसमें गो एयरवेज, इंडिगो व एयर एशिया के विमान शामिल हैं. तीनों एयरवेज के अधिकारी ने बताया कि रांची आनेवाली फ्लाइटों में भीड़ 60 से 65 प्रतिशत ही रहती है, जबकि रांची से उड़ान भरनेवाली फ्लाइटें फुल रहती हैं. वहीं एयरपोर्ट के निदेशक विनोद शर्मा ने कहा कि फ्लाइट बढ़ाने के लिए उन्होंने राज्य सरकार से बात की है. जल्द ही रांची से पांच से छह फ्लाइट और विभिन्न शहरों के लिए उड़ान भरेगी.
काम के लिए फिर से जा रहे मुंबई : सुजीत – एयरपोर्ट पर यात्री सुजीत ने बताया कि वह मुंबई में ऑटो चलाता था. लॉकडाउन में वह घर आ गया. मुंबई से आये काफी दिन हो गये हैं. यहां रोजगार नहीं मिल रहा है. पैसा भी खत्म हो गया. परिवार चलाने के लिए फिर से मुंबई जा रहे हैं.
Post by : Pritish Sahay