झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन ने नियोजन नीति पर कही बड़ी बात, बोले- छोड़ने नहीं जा रहे 1932

झारखंड के पर्यटन, खेल-कूद, कला-संस्कृति व युवा कार्य विभाग मंत्री हफीजुल हसन मंगलवार को प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान बड़ी साफगोई से अपनी बातें रखी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 3, 2023 6:28 AM

झारखंड के पर्यटन, खेल-कूद, कला-संस्कृति व युवा कार्य विभाग मंत्री हफीजुल हसन मंगलवार को प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान बड़ी साफगोई से अपनी बातें रखी. उन्होंने बड़े ही साफ लफजों में यहां तक स्वीकार किया कि विधानसभा चुनावों में लोग क्षेत्रीय नेता को पसंद करते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में लोग मोदी को देखना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में भाजपा के प्रोपगेंडा का असर कम पड़ेगा. हमारे गठबंधन को ज्यादा से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है.

प्रभात खबर संवाद में पहुंचे पर्यटन, खेल-कूद, कला-संस्कृति व युवा कार्य विभाग मंत्री हफीजुल हसन ने राज्य से जुड़े मुद्दों पर खुल कर अपनी बात रखी. 2024 में होनेवाले लोकसभा और विधानसभा के चुनाव पर उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए किसी भी मुद्दे को हाइलाइट कर देती है. पुलवामा हमले के राज अब खुल रहे हैं. यूपी में अतीक अहमद वाला कांड 2024 की तैयारी का ही हिस्सा है. लेकिन, झारखंड में भाजपा के प्रोपगेंडा का असर कम पड़ेगा.

हमारे गठबंधन को ज्यादा से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है. राज्य में एमपी और एमएलए के चुनाव में अंतर हो जाता है. एमपी चुनाव में लोग मोदी को देखना चाहते हैं, जबकि एमएलए चुनाव में क्षेत्रीय नेता को पसंद किया जाता है. गठबंधन में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस लीड करती है और हम ज्यादा सीट देते भी हैं. विधानसभा चुनाव में झामुमो लीड करता है. इस चुनाव में लोग देखते हैं कि कौन नेता उनको आसानी से उपलब्ध होगा. राज्य में गठबंधन की सरकार भाजपा से लड़ाई के लिए तैयार है.

नियोजन नीति पर कहा :

हम लोग 1932 को छोड़ने नहीं जा रहे हैं. सरकार की 1932 की नियोजन नीति के खिलाफ हमारी पार्टी के ही पूर्व नेता रमेश हांसदा कोर्ट चले गये थे. कोर्ट के चक्कर में कहीं पूरी बहाली ही न लटक जाये, इसलिए 60 : 40 किया गया है. यह परमानेंट नहीं, टेंपररी व्यवस्था है. उन्होंने कहा : हमने 1932 के अलावा ओबीसी आरक्षण पर भी विधेयक पास कर राज्यपाल को भेजा. लेकिन, उसे लौटा दिया गया. हमारी नीयत साफ है. कहां क्या खेल हो रहा है, सभी जानते हैं. आरोप लगानेवालों ने 50 : 50 में नियुक्ति की है.

खिलाड़ियों को नौकरी देने के सवाल पर :

सभी खिलाड़ियों को नौकरी देना संभव नहीं है. सरकार केवल अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को ही नौकरी दे सकती है. राज्य में 42 खिलाड़ियों ने ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीता है. उन सभी को नौकरी दी गयी. निक्की प्रधान और सलीमा टेटे जैसी खिलाड़ी जब खेल छोड़ेंगी, तो उनके बारे में भी सोचा जायेगा. हालांकि, इन दोनों खिलाड़ियों से नौकरी के लिए पूछा गया था. लेकिन उन्होंने अभी नौकरी लेने से इनकार किया. राज्य स्तरीय खिलाड़ियों के लिए ऐसी कोई व्यवस्था कहीं नहीं है.

Next Article

Exit mobile version