झारखंड में चापाकल लगाने की योजना धीमी, 30 जून तक लगाने थे 22 हजार चापाकल, लगे सिर्फ तीन हजार
दरअसल, कोविड संक्रमण की आशंका के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के कारण वर्ष 2020 में चापाकल लगाने का काम शुरू नहीं हो सका. वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभागीय मंत्री ने 30 जून तक सभी पंचायतों में चापाकल लगाने का काम पूरा करने का निर्देश दिया था.
Jharkhand Sarkari Hand Pump Yojana 2021 रांची : राज्य की सभी पंचायतों में पांच-पांच चापाकल लगाने की योजना कछुए की रफ्तार में चल रही है. ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट दूर करने के उद्देश्य से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस योजना की घोषणा की थी. इसके तहत विधायकों की अनुशंसा पर राज्य की सभी 4,402 पंचायतों में 22,010 चापाकल लगाये जाने थे. इसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध भी किया गया था. हालांकि, अब तक तय लक्ष्य के विरुद्ध मात्र तीन हजार चापाकल ही लगाये जा सके हैं.
दरअसल, कोविड संक्रमण की आशंका के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के कारण वर्ष 2020 में चापाकल लगाने का काम शुरू नहीं हो सका. वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभागीय मंत्री ने 30 जून तक सभी पंचायतों में चापाकल लगाने का काम पूरा करने का निर्देश दिया था. लेकिन, संक्रमण की दूसरी लहर के कारण चालू वित्तीय वर्ष के मार्च, अप्रैल एवं मई में कार्य शुरू नहीं किया जा सका. मई के तीसरे सप्ताह में चापाकल लगाने का काम शुरू किया गया था.
लेकिन, अब तक लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 14 प्रतिशत ही चापाकल लगाये जा सके हैं. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग 1500 अन्य चापाकलों को लगाने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने का दावा कर रहा है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, चापाकलों के लिए विभिन्न पंचायतों में करीब 10,000 बोरिंग करायी जा चुकी है.