Jharkhand: दो दिन में 10वीं डेडलाइन भी हो जायेगी फेल, अधूरे हैं कई काम, सदर अस्पताल का हैंडओवर मुश्किल
झारखंड हाइकोर्ट ने ‘रांची सुपर स्पेशियालिटी सदर हॉस्पिटल’ का काम पूरा करने के लिए निर्माणकर्ता कंपनी को 15 फरवरी तक की डेडलाइन दी थी. हालांकि, इस 10वीं डेडलाइन तक भी काम पूरा होने और अस्पताल के हैंडओवर किये जाने के आसार न के बराबर दिख रहे हैं.
Jharkhand News, Ranchi: झारखंड हाइकोर्ट ने ‘रांची सुपर स्पेशियालिटी सदर हॉस्पिटल’ का काम पूरा करने के लिए निर्माणकर्ता कंपनी को 15 फरवरी तक की डेडलाइन दी थी. हालांकि, इस 10वीं डेडलाइन तक भी काम पूरा होने और अस्पताल के हैंडओवर किये जाने के आसार न के बराबर दिख रहे हैं. क्योंकि, अस्पताल के नये हिस्से में जरूरी सेवाओं का निर्माण कार्य अब भी अधर में है. काम को पूरा होने में करीब एक माह का समय लग सकता है. इससे पहले भी निर्माणकर्ता को दी गयी नौ डेडलाइन फेल हो चुकी हैं. पिछली डेडलाइन 31 जनवरी थी. वहीं, इस मामले को लेकर 18 फरवरी को हाइकोर्ट में सुनवाई भी होनी है.
रांची सुपर स्पेशियालिटी सदर हॉस्पिटल के निर्माणाधीन हिस्से में फिलहाल, फायर फाइटिंग सिस्टम से जुड़े कार्य चल रहे हैं. इसके अलावा अब भी आठवें तल्ले पर सेमिनार हॉल सहित करीब 10 से 15 प्रतिशत हिस्से का काम बाकी है. मेन बिल्डिंग में सात लिफ्ट का काम पूरा कर लिया गया है. इनमें से दो की टेस्टिंग के बाद अस्पताल प्रबंधन ने उसे अप्रूव्ड भी कर दिया है.
अस्पताल के सेंट्रल किचेन, लाउंड्री, ओटी, इलेक्ट्रिकल, गैस पाइपलाइन फिटिंग्स सहित फॉल्स सीलिंग और पेंट-वाल पुट्टी का अभी काफी काम बचा हुआ है. कुछ अन्य सुविधाओं को पूरा करने का दावा तो किया गया है, लेकिन इसे भी हैंडओवर नहीं किया गया है. इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा बेड, फर्नीचर और आठ ओटी में उपकरणों का इंस्टॉलेशन बड़ी चुनौती है.
न जाने कब बहुरेंगे दिन
इससे पहले फेल हो चुकी है नौ डेडलाइन, हाइकोर्ट में 18 फरवरी को होनी है इस मामले की सुनवाई
2014 में पूरा होना था निर्माण कार्य लागत 167 करोड़ रुपये से बढ़ कर 300 करोड़ तक पहुंच गयी
चार साल पहले शुरू हुआ था 200 बेड का मदर एंड चाइल्ड सेंटर, आइसीयू सुविधाएं शुरू की गयीं
कब-कब फेल हुई डेडलाइन
दिसंबर 2018
जून 2019
दिसंबर 2019
अप्रैल 2020
मई 2021
जून 2021
सितंबर 2021
अक्तूबर 2021
जनवरी 2022
फरवरी 2022
याचिकाकर्ता ने कहा : सुप्रीम कोर्ट जायेंगे
सदर अस्पताल को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में ज्योति शर्मा की ओर से अवमानना वाद (220/2019) दायर किया गया है. अदालत में इस मामले की सुनवाई तीन साल से चल रही है. सदर अस्पताल के निर्माण में हो रहे विलंब पर याचिकाकर्ता ज्योति शर्मा ने कहा कि तारीख पर तारीख दी जा रही है. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर निर्माण कंपनी व स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह डेडलाइन पूरी नहीं की जाती है, तो वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.
15 साल में लागत 300 करोड़ के पार पहुंची
500 बेड की क्षमता वाले रांची सुपर स्पेशियालिटी सदर हॉस्पिटल के निर्माण के लिए 167.56 करोड़ का निविदा समझौता हुआ था. समय के साथ इसकी लागत बढ़कर 300 करोड़ के पार चली गयी है. वर्ष 2007 से इसका निर्माण कार्य जारी है. 2014 में एनबीसीसी व विजेता कंस्ट्रक्शन ने मुख्य भवन के ढांचे को तैयार कर लिया था.
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15 साल में लागत 300 करोड़ के पार पहुंची
500 बेड की क्षमता वाले रांची सुपर स्पेशियालिटी सदर हॉस्पिटल के निर्माण के लिए 167.56 करोड़ का निविदा समझौता हुआ था. समय के साथ इसकी लागत बढ़कर 300 करोड़ के पार चली गयी है. वर्ष 2007 से इसका निर्माण कार्य जारी है. 2014 में एनबीसीसी व विजेता कंस्ट्रक्शन ने मुख्य भवन के ढांचे को तैयार कर लिया था.
इसके बाद से लगातार हॉस्पिटल को चालू करने का प्रयास चल रहा है, लेकिन सात साल बाद भी इसे हैंडओवर नहीं लिया जा सका है. चार साल पहले 200 बेड की (मदर एंड चाइल्ड सेंटर) यूनिट को आधे-अधूरे ढंग से हैंडओवर लिया गया. इसके एक साल बाद किसी तरह से आइसीयू की सुविधाएं बहाल की जा सकीं.
Posted by: Pritish Sahay