आदिवासी संस्कृति व कला को विश्व पटल पर पहुंचाने वाले झारखंड के लाल डॉ रामदयाल मुंडा की आज 84वीं जयंती है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों से जनजातीय संस्कृति की आवाज बुलंद की. कला को विश्व के मंच तक पहुंचाया. वर्ष 2010 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया. झारखंड आंदोलन को धार देने वाले नायक थे. डॉ रामदायल मुंडा महान शिक्षाविद, बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी साहित्यकार थे. उन्होंने आदिवासी समाज और संस्कृति को समृद्ध करने में अपना जीवन समर्पित कर दिया. ऐसे महापुरुष को पूरा झारखंड श्रद्धांजलि दे रहा है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डॉ रामदयाल मुंडा को किया याद
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर उन्हें इन शब्दों में श्रद्धांजलि दी है. मुख्यमंत्री ने लिखा, ‘झारखंड की महान संस्कृति, भाषा और सभ्यता को विश्व पटल पर ले जाने वाले महान शिक्षाविद, साहित्यकार, लेखक, समाजशास्त्री और कलाकार पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा जी की जयंती पर शत-शत नमन. डॉ रामदयाल मुंडा ने झारखंडवासी, झारखंडी भाषा और संस्कृति की पहचान को लेकर अपना जीवन समर्पित किया था. यह सौभाग्य था कि कुछ दिनों पहले ही हमने डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में अति संवेदनशील आदिवासी समुदाय (PVTG) युवाओं के लिए देश का पहला निःशुल्क आवासीय कोचिंग प्रोग्राम शुरू किया.’
बाबूलाल मरांडी ने इन शब्दों में दी श्रद्धांजलि
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने डॉ रामदयाल मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया :-
‘उठो-उठो वीर,
धरु धनु तीर
उठो निजो माटी लगिया…
झारखंड की लोक संस्कृति को वैश्विक पटल पर रेखांकित करने वाले, महान शिक्षाविद व सुप्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा जी की जयंती पर कोटिशः नमन.
जे नाची से बांची : नीलकंठ सिंह मुंडा
वरिष्ठ भाजपा नेता नीलकंठ सिंह मुंडा ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा- जे नाची से बांची. भारत में बौद्धिक और सांस्कृतिक व्यक्तित्व में विशिष्ट, दिल्ली से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ तक आदिवासियत की भावना अमर करने वाले, झारखंड के अगुवा श्रद्धेय डॉ रामदयाल मुंडा जी की जयंती पर शतशः नमन और जोहार.’
डॉ मुंडा ने आदिवासी संस्कृति को दिलायी वैश्विक पहचान
कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने डॉ मुंडा को बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी, महान साहित्यकार एवं आदिवासी संस्कृति को विश्व स्तर पर प्रसिद्धि दिलाने वाला बताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. डॉ प्रदीप वर्मा ने उन्हें झारखंड की माटी के लाल, महान आदिवासी शिक्षाविद, कलाकार, लेखक और बहुआयामी प्रतिभा का धनी बताया. उन्होंने कहा कि झारखंड की संस्कृति को वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने में डॉ रामदयाल मुंडा के योगदान को सदा याद किया जाएगा..!
दिनेशानंद गोस्वामी और बिरंची नारायण ने किया नमन
बीजेपी नेता डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा, ‘आदिवासी संस्कृति, परंपरा और झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाले पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन.’ बिरंची नारायण ने ट्वीट किया, ‘झारखंड की समृद्ध संस्कृति एवं लोक कला को वैश्विक पटल पर उचित सम्मान दिलाने वाले पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा जी की जयंती पर कोटिशः नमन.’
डॉ मुंडा ने झारखंड की संस्कृति को दुनिया तक पहुंचाया : विश्वेश्वर टुडू
विश्वेश्वर टुडू ने कहा, ‘झारखंड की संस्कृति और लोक कला को देश-दुनिया तक पहुंचाने वाले पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन.’ जवाहर बानरा ने कहा, ‘आदिवासी संस्कृति, परंपरा और झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाले पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन.’