Happy Birthday Shibu Soren: 79 साल के हुए दिशोम गुरु शिबू सोरेन, तीन बार झारखंड की संभाल चुके कमान, देखें Pics
दिशोम गुरु शिबू सोरेन का आज जन्मदिन है. 79 साल के शिबू सोरेन ने अपने जीवनकाल में कई उतार-चढ़ाव देखें. महाजनी प्रथा को खत्म करने से लेकर झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में अहम भूमिका निभाये. झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री, आठ बार लोकसभा सांसद और तीसरी बार राज्यसभा सांसद भी बने हैं.
Happy Birthday Shibu Soren: दिशोम गुरु शिबू सोरेन आज 79 साल के हो गये. इस आठ दशक में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे. आदिवासी हितों के लिए शुरू हुआ संघर्ष और 1970 में महाजनों के खिलाफ धान काटो आंदोलन का ही नतीजा है कि गुरुजी झारखंड को अलग राज्य बनाने की लंबी लड़ाई लड़ी. गुरुजी ने झारखंड का तीन बार बागडोर संभाला, वहीं केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में कोयला मंत्री भी बने. वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं और झारखंड में महागठबंधन सरकार की ओर से बनायी गयी समन्वय समिति के अध्यक्ष भी है. शिबू सोरेन तीसरी बार राज्यसभा सांसद बने हैं.
गुरुजी ने आदिवासियों के नेता के तौर पर राजनीति में दस्तक दी
रामगढ़ जिला के नेमरा गांव में 11 जनवरी, 1944 को जन्मे शिबू सोरेन 1970 से राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हुए. आदिवासियों नेता के तौर पर राजनीति में दस्तक दी. महाजनों के खिलाफ धान काटो आंदोलन चलाया, वहीं 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया. वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में दुमका से जीत हासिल की, लेकिन 1977 के चुनाव में टुंडी विधानसभा से चुनाव हार गये थे. लेकिन, 1980 के बाद आठ बार दुमका लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने.
गुरुजी का सांसद सफरनामा
दुमका लोकसभा क्षेत्र से 1980 में पहली बार सांसद बने. इसके बाद 1989, 1991, 1996, 2002, 2004, 2009 और 2014 में सांसद बने. इस दौरान 10 अप्रैल, 2002 से दो जून, 2002 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. वहीं, 2004 में मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री भी बने. लेकिन चिरूडीह मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने पर उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से 24 जुलाई, 2004 को इस्तीफा देना पड़ा था.
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दिशोम गुरु शिबू सोरेन झारखंड का तीन बार बागडोर संभाल चुके हैं. पहली बार मात्र 10 दिनों के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे. दो मार्च से 12 मार्च, 2005 तक पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने, लेकिन सरकार को विश्वास मत हासिल नहीं होने पर इन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद 27 अगस्त, 2008 से 18 जनवरी, 2009 तक दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. इस बीच तमाड़ विधानसभा उपचुनाव में हार होने के कारण पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसे बाद तीसरी बार 30 दिसंबर, 2009 से 31 मई, 2010 तक झारखंड के मुख्यमंत्री बने. लेकिन, बीजेपी द्वारा समर्थन वापस लेने के कारण इस बार भी समय से पूर्व उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
धनबाद डीसी केबी सक्सेना ने गुरुजी कहकर किया था संबोधित
शिबू सोरेन के टुंडी स्थित आश्रम में क्षेत्र के बच्चों के लिए पाठशाला और आदिवासी हितों के लिए किये जा रहे काम जैसे शराबबंदी को देखकर धनबाद के तत्कालीन डीसी केबी सक्सेना काफी प्रभावित हुए थे. उन्होंने ही सबसे पहले शिबू सोरेन को गुरुजी कहकर संबोधित किया. तब से शिबू सोरेन को गुरुजी कह कर संबोधित किया जाना लगा.