रांची: नववर्ष (New Year 2024 ) के उपलक्ष्य में 1 जनवरी 2024 की सुबह 8:00 बजे से रातू रोड गुरुद्वारे में दीवान सजेगा. गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा दशमेश पिता श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर 17 जनवरी की रात 8 बजे से मध्य रात्रि 1:30 बजे तक विशेष दीवान सजाया जाएगा. इससे पहले 15 जनवरी को रांची की श्री कृष्णा नगर कॉलोनी गुरुद्वारा साहिब में प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में श्री अखंड पाठ साहिब जी की आरंभता होगी, जिसका भोग 17 जनवरी को प्रकाश पर्व की रात 12:00 बजे होगा. प्रकाश पर्व को लेकर सत्संग सभा द्वारा 5 जनवरी से प्रभातफेरी निकाली जाएगी, जिसका समापन 13 जनवरी को होगा. सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने जानकारी दी कि नववर्ष के उपलक्ष्य में 1 जनवरी को गुरुनानक सत्संग सभा द्वारा सुबह 8:00 बजे से 10:30 बजे तक विशेष दीवान सजाया जाएगा, जिसमें रागी जत्था भाई प्रिंस पाल जी, पटियाला वाले शबद गायन करेंगे तथा सिंह साहिब ज्ञानी मान सिंह जी (हेड ग्रंथी,श्री दरबार साहिब,अमृतसर) कथा वाचन से साध संगत को गुर इतिहास की जानकारी देंगे.
19 जनवरी की सुबह रांची लौटेगा जत्था
पटना साहिब में प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए सत्संग सभा के श्रद्धालुओं का पहला जत्था इंदर मिढ़ा और रमेश पपनेजा के नेतृत्व में 14 जनवरी की शाम एवं दूसरा जत्था अगले दिन 15 जनवरी की शाम आशु मिढ़ा एवं नवीन मिढ़ा के नेतृत्व में हटिया पटना एक्सप्रेस से रवाना होगा. यह जत्था पटना के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित सभी कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद 19 जनवरी की सुबह रांची वापस लौटेगा.
सजेगा विशेष दीवान
सत्संग सभा के सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने बताया कि हर वर्ष लगभग चार सौ श्रद्धालु पटना साहिब में प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए जाते हैं. श्रद्धालुओं के पटना साहिब से लौटने के बाद ही सत्संग सभा द्वारा प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में विशेष दीवान सजाया जाएगा. इस उपलक्ष्य में तीन विशेष दीवान सजाए जाएंगे. पहला दीवान 20 जनवरी, शनिवार को सुबह 8:00 से 9:00 बजे तक सजाया जाएगा, दूसरा दीवान रात 8:00 से 11:30 बजे तक सजेगा एवं तीसरा दीवान 21 जनवरी, रविवार को सुबह 11:30 बजे से लेकर दोपहर 2.30 बजे तक सजाया जाएगा. इन सभी दीवानों में सिख पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्था भाई प्यारा सिंह जी, दिल्ली वाले शबद गायन कर साध संगत को निहाल करेंगे. सभी दीवानों की समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर चलाया जाएगा.