Happy Teachers Day 2022: शिक्षा के बल पर ही मनुष्य असंभव कार्य को संभव बनाकर सफलता हासिल करता है. विद्यार्थी अपनी सफलता का श्रेय गुरु को ही देते हैं. वेद शास्त्रों में भी गुरु की महिमा का वर्णन मिलता है. शिक्षक का ज्ञान विद्यार्थियों के लिए नि:स्वार्थ होने के साथ-साथ जाति, धर्म और समाज से ऊपर होता है. आज शिक्षक दिवस के मौके पर ऐसे ही शिक्षकों की चर्चा हो रही है जो, विद्यार्थियों की सफलता के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं. विद्यार्थी को बेहतर मुकाम हासिल हो इसके लिए खुद की परेशानी को भी किनारे रख देते हैं. पेश है ऐसे ही शिक्षकों की कहानी…
भाषा के ज्ञान से प्रशासनिक सेवा की राह कर रहे मजबूत
डॉ. सुधीर कुमार राय उन शिक्षकों में से हैं जो, खुद प्रशासनिक सेवा से नहीं जुड़ सके, लेकिन खुद का सपना विद्यार्थियों के जरिये पूरा कर रहे हैं. वर्ष 2006 से अब तक डॉ सुधीर के 200 से अधिक विद्यार्थी जेपीएससी, दारोगा बहाली, राजस्व कर्मचारी परीक्षा में सफल हो चुके हैं. यह सभी विद्यार्थी रांची यूनिवर्सिटी, डीएसपीएमयू व अन्य शैक्षणिक संस्थान से चुने जाते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, लेकिन इच्छाशक्ति तीव्र होती है. इन विद्यार्थियों को स्थानीय भाषा नागपुरी और झारखंड जेनरल स्टडी में मजबूत कर अंतिम लक्ष्य तक पहुंचाते हैं. विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए अपनी परेशानी को दरकिनार रखते हैं. इस्ट जेल रोड में झारखंडी भाषा संस्थान के नाम से गुरुकुल में दर्जनों विद्यार्थी प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुटे हैं. विद्यार्थी प्रशासनिक सेवा के सर्वोच्च पद में स्थापित होकर राज्य का नेतृत्व कर सकते हैं, इस बात को लगातार सिद्ध भी कर रहे हैं. इसका प्रमाण हाल में जारी हुई जेपीएससी रिजल्ट है. डॉ सुधीर के दर्जनों विद्यार्थियों ने इसमें सफलता हासिल की है.
तकनीकी अनुभव के दम पर विद्यार्थियों को बनाया चैंपियन
बीआइटी मेसरा के मेकैनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ पारितोष महाता टीम फायरबोल्ट के लिए सक्सेस मंत्र हैं. बीते पांच वर्षों से टीम फायरबोल्ट के फैकल्टी एडवाइजर के रूप में जुड़े हुए हैं. इनके शैक्षणिक और पेशेवर जानकारी के बदौलत टीम फायरबोल्ट लगातार चैंपियन बनने में सफल रही है. टीम लीडर शिवांश गोयल ने बताया कि इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के बीच होनेवाली सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगिता ‘बाहा सेइ इंडिया’ में डॉ पारितोष अहम भूमिका अदा करते हैं. समय पर प्रतियोगिता की जानकारी देने से लेकर इस वर्ष क्या खास बदलाव के साथ टीम बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, से जुड़े सुझाव देते हैं. नतीजतन 2021 में टीम फायरबोल्ट ने अपने ऑल टीरेन व्हीकल (एटीवी) में खासा बदलाव किया और देश भर से पहुंची टीम में ऑल इंडिया रैंक आठवां स्थान हासिल करने में सफल रही. डॉ पारितोष के सुझाव पर टीम ने एटीवी के वजन को कम किया और सबसे कम वजन वाले एटीवी की श्रेणी में द्वितीय स्थान हासिल करने में सफल रही. टीम का हौसला बढ़े इसके लिए लगातार विद्यार्थियों को एकजुट कर मीटिंग व कार्यशाला करते हैं, जिससे लगातार सफलता मिल रही है.