सतीश कुमार, रांची:
‘जल जीवन मिशन’ के तहत चल रही ‘हर घर नल जल योजना’ में झारखंड के पाकुड़ व गोड्डा जिले देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल हैं. पाकुड़ के सिर्फ 11.33% घरों तक ही नल से जल पहुंच पाया है. यहां कुल घरों की संख्या 2,26,943 हैं, जबकि अब तक यहां सिर्फ 25,711 घरों तक ही नल से जल पहुंचाया जा सका है. इसी तरह गोड्डा के सिर्फ 18.23% घरों तक पाइपलाइन के जरिये शुद्ध पेयजल पहुंच पाया है. यहां कुल घरों की संख्या 3,02,773 है, जबकि 55,200 घरों में नल से जल पहुंचा गया है.
इस योजना के तहत देश में सबसे पिछड़े जिलों में राजस्थान का बांसवाड़ा, दुर्गापुर, प्रतापगढ़, बेरमर, उत्तर प्रदेश का उन्नाव और असम का वेस्ट करनी अंगलोंगा शामिल हैं. हालांकि, इस योजना में झारखंड के सिमडेगा जिला की प्रगति राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंच गयी है. यहां 70.88% घरों में नल से जल पहुंच गया है. सिमडेगा में कुल 1,30,075 घर हैं. इनमें से 92,196 घरों में शुद्ध पेयजल पहुंच गया है.
Also Read: झारखंड में ‘हर घर जल’ योजना की क्या है स्थिति? इन चार सालों में कितने घरों तक पहुंचा पानी, जानें यहां
केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में ‘जल जीवन मिशन योजना’ शुरू की थी. मार्च 2024 में यह योजना समाप्त होनेवाली है. देश में ‘हर घर नल जल योजना’ की प्रगति 71.07% है. जबकि, राष्ट्रीय औसत के मुकाबले झारखंड 25% पीछे है. यहां अब तक लगभग 46% घरों तक ही शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा सका है. राज्य सरकार 61.76 लाख घरों में से 28.33 लाख घरों तक पाइपलाइन से पानी पहुंचा पायी है. हालांकि, पिछले आठ माह के दौरान 7.91 लाख घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया है.