रांची. केंद्रीय सरना समिति (अजय तिर्की गुट) का सरहुल मिलन और पुरस्कार वितरण समारोह सोमवार को मोरहाबादी स्थित संगम गार्डेन में हुआ. सरहुल के अवसर पर निकाली गयी उत्कृष्ट झांकियों को पुरस्कृत किया गया. पीपरटोली अरगोड़ा द्वारा हसदेव जंगल को कटने से बचाने के लिए निकाली गयी झांकी को पहला पुरस्कार मिला है. पीपरटोली अरगोड़ा को एक लाख रुपए का पुरस्कार मिला है. दूसरे स्थान पर ग्राम विकास समिति मधुकम और 12 पड़हा जतराटांड़ अखड़ाकोचा की झांकी रही. दोनों को संयुक्त रूप से 50 हजार रुपये दिये गये. तीसरा स्थान कोकर चौक सरना समिति को मिला, जिसे 25 हजार रुपये मिले. सिरमटोली पहुंचनेवाली सबसे पहली झांकी गुमला के सांवरिया गांव की टीम को पांच हजार रुपये का पुरस्कार मिला. इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि अभी हाल ही में हम सभी ने सरहुल का पर्व मनाया. सरहुल प्रकृति से जुड़ा पर्व है. अभी नवरात्र भी चल रहा है और यह गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है. केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि हमलोगों ने लगभग 100 खोड़हा (समूह) को सम्मानित किया है. आचार संहिता से संबंंधित सवाल पर कहा कि जो झांकी निकाली गयी थी वह किसी राजनीतिक दल की नहीं थी. आदिवासी अपने ऊपर होने वाले मामलों को इसी तरह प्रदर्शित करते हैं. अंतु तिर्की ने कहा कि जब पहली बार सरहुल की शोभायात्रा निकाली गयी थी तो 40-50 लोग ही शामिल हुए थे. अब लाखों की संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं.
हसदेव जंगल की झांकी को मिला प्रथम पुरस्कार
केंद्रीय सरना समिति (अजय तिर्की गुट) का सरहुल मिलन और पुरस्कार वितरण समारोह सोमवार को मोरहाबादी स्थित संगम गार्डेन में हुआ.
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