Hatia Vidhan Sabha: हटिया से सूर्यमणि को लड़ाना चाहती थी BJP, पर सिंबल रामजीलाल को मिला

भाजपा हटिया से पार्टी के वरीय नेता सूर्यमणि सिंह को प्रत्याशी बनाना चाहती थी. लेकिन, सूर्यमणि सिंह ने रांची से नामांकन कर दिया था. लेकिन, उन्हें रांची से भाजपा का सिंबल नहीं मिला. क्योंकि, पार्टी ने गुलशन लाल आजमानी को रांची से टिकट दे दिया था.

By Manoj singh | October 29, 2024 9:25 AM

Hatia Vidhan Sabha, रांची, मनोज सिंह: हटिया विधानसभा क्षेत्र का गठन 1977 में हुआ था. यहां से तीन बार सुबोधकांत सहाय चुनाव जीते. चौथी बार(1990) में यहां से भाजपा प्रत्याशी रामजीलाल सारडा चुनाव जीते थे. वह भी 212 मतों के अंतर से. भाजपा यहां से पार्टी के वरीय नेता सूर्यमणि सिंह को प्रत्याशी बनाना चाहती थी. लेकिन, सूर्यमणि सिंह ने रांची से नामांकन कर दिया था. लेकिन, उन्हें रांची से भाजपा का सिंबल नहीं मिला. क्योंकि, पार्टी ने गुलशन लाल आजमानी को रांची से टिकट दे दिया था. इस कारण हटिया से रामजीलाल सारडा को भाजपा का सिंबल दिया गया.

उस समय मैनुअल होती था मतगणना

इस सीट पर पहले से दो दिग्गज चुनावी मैदान में थे. जनता दल से विजेंद्र सिंह ईश्वर और कांग्रेस से वरिष्ठ नेता पीएन सिंह. रामजीलाल सारडा के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया. तीनों प्रत्याशियों को 19 हजार से अधिक मत मिले. पहले स्थान पर रहने वाले रामजीलाल सारडा को 19555, दूसरे स्थान पर रहने वाले विजेंद्र सिंह ईश्वर को 19343 तथा तीसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस के पीएन सिंह को 19236 मत मिले थे. उस समय मतगणना मैनुअल होती था. इस कारण अंतिम दौर तक रोमांच बना रहा. रि-काउंटिंग करायी गयी. इसमें भी श्री सारडा जीते. इसके बाद सारडा तीन बार विधायक रहे. दूसरे चुनाव (1995) में श्री सारडा को 40 हजार तथा तीसरे चुनाव (वर्ष 2000) में 50 हजार से अधिक मत मिले थे.

झारखंड विधानसभा की खबरें यहां पढ़ें

डाल्टनगंज से लड़ाना पड़ा सूर्यमणि सिंह को

सूर्यमणि सिंह संयुक्त बिहार के समय भाजपा के बड़े नेता थे. इंदर सिंह नामधारी ने भाजपा छोड़ दिया था. पार्टी ने सूर्यमणि सिंह को 1995 में डाल्टनगंज से प्रत्याशी बनाया गया. लेकिन, वह हार गये. श्री सिंह बताते हैं कि वर्ष 1990 के चुनाव में पार्टी मुझे हटिया से लड़ाना चाहती थी. लेकिन, मैंने रांची से नामांकन कर दिया था. वहीं, रांची से श्री आजमनी को पार्टी का सिंबल दिया गया था. इस कारण मैं चुनाव नहीं लड़ सका, लेकिन पार्टी की सेवा में लगा रहा. बाद में 1995 में डाल्टनगंज से चुनाव लड़ा. वहां से दूसरी बार भी चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन बात नहीं बन पायी. वहीं, श्री सारडा के पूर्व सहयोगी रहे वीके विजय ने बताया कि 1990 के चुनाव में हटिया से रामजीलाल सारडा को भाजपा का सिंबल मिला था. विष्णु टॉकीज के पास हम लोगों ने फॉर्म ए और बी भरने की प्रक्रिया पूरी की थी.

Read Also: Jharkhand election 2024: बाबूलाल ने JMM-कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- गठबंधन की सरकार ने पांच वर्षों तक जनता को ठगा है

Next Article

Exit mobile version