हाइकोर्ट ने भू-माफियाओं के खिलाफ दर्ज केस के ट्रायल का ब्योरा मांगा

झारखंड हाइकोर्ट ने दुमका के हंसडीहा में स्पेनिश बोलनेवाली महिला (ब्राजीलियाई नागरिक) टूरिस्ट से हुई गैंगरेप की घटना और जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की.

By Prabhat Khabar News Desk | April 13, 2024 12:25 AM

झारखंड हाइकोर्ट ने दुमका के हंसडीहा में स्पेनिश बोलनेवाली महिला (ब्राजीलियाई नागरिक) टूरिस्ट से हुई गैंगरेप की घटना और जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए भू-माफियाओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की जानकारी मांगी. खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि पांच या उससे अधिक केस में शामिल भू-माफिया में से कितने को अदालत से जमानत मिल चुकी है तथा कितने मामले में मिली जमानत को अदालतों में चुनौती दी गयी है? 214 भू-माफियाओं के ट्रायल की क्या स्थिति है? खंडपीठ ने यह भी पूछा कि वर्ष 2023 में भू-माफियाओं के केस की मॉनिटरिंग के लिए बनायी गयी एसआइटी ने अब तक क्या-क्या कार्रवाई की है? खंडपीठ ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब बिंदुवार दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद व अधिवक्ता शहबाज अख्तर ने खंडपीठ को बताया कि रांची में वर्ष 2021 से लेकर 2023 के बीच 273 भू-माफियाओं को चिह्नित किया गया है. इनमें से 214 माफियाओं के खिलाफ निचली अदालत में आरोप पत्र भी दायर कर दिया गया है. 50 भू-माफियाओं के खिलाफ पुलिस की ओर से 41ए का नोटिस जारी किया गया है. गठित एसआइटी ने 59 भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ सीसीए लगाया है. 27 भू-माफियाओं को सर्विलांस में डाला गया है. दो भू-माफियाओं को प्रिवेंटिव डिटेंशन किया गया है. सीआरपीसी की धारा-107 के तहत 137 भू-माफियाओं पर कार्रवाई की गयी है. वहीं, 28 माफियाओं को गुंडा रजिस्टर में रखा गया है. उल्लेखनीय है कि दुमका के हंसडीहा थाना क्षेत्र में विदेशी महिला के साथ गैंगरेप की घटना एक मार्च की रात में हुई थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज स्वर्गीय एमवाइ इकबाल की जमीन की चहारदीवारी तोड़ कर जबरन कब्जा करने की घटना हुई थी. इन दोनों घटनाओं को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

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