रांची, बिपिन सिंह. झारखंड में उग्रवादियों को सरेंडर कराने के लिए सरकार सरेंडर पॉलिसी बनाती है. लेकिन, झारखंड की स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ अनुबंधकर्मियों के बारे में उसके पास कोई सोच नहीं है. हमलोग 10-15 वर्ष से सदर अस्पताल समेत राज्य के तमाम अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे हैं. हम अनुबंध पर काम करते हैं. सरकार हमारी सेवा को स्थायी करे, ताकि हमारा भी भविष्य सुरक्षित हो सके.
ये बातें मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने रांची पहुंचे स्वास्थ्य अनुबंधकर्मियों ने सोमवार को कहीं. उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द अनुबंधकर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम-जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ और झारखंड राज्य अनुबंध पारा चिकित्साकर्मी संघ के सदस्य राज्य के कोने-कोने से रांची पहुंचे थे. ये लोग कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे थे. लेकिन, पुलिसवालों ने बहला-फुसलाकर उन्हें राजभवन की ओर डायवर्ट कर दिया.
सीएम आवास का घेराव करने जा रहे लोगों को जब मालूम हुआ कि वे राजभवन पहुंच गये हैं, तो उन्होंने वहीं पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. एक प्रदर्शनकारी, जिसका नाम विनय बताया गया है, बैरिकेडिंग फांदकर उस पार चला गया. उस पार खड़े पुलिसकर्मियों ने उसे उठाकर फिर दूसरी ओर फेंक दिया. इससे प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने नारेबाजी करनी शुरू कर दी और बैरिकेडिंग तोड़ दी.
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कई लोगों ने बैरिकेडिंग फांदकर उस पार जाने की कोशिश की. उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया. हालांकि, बल प्रयोग की वजह से किसी स्वास्थ्यकर्मी के घायल होने की सूचना नहीं है. बता दें कि कई वर्षों से मानदेय पर काम करने वाले कर्मियों को अब तक नियमित नहीं किया गया है. उनका आरोप है कि सरकार लगातार उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है.
झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम-जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ और झारखंड राज्य अनुबंध पारा चिकित्साकर्मी संघ की मांग है कि पारा मेडिकल नियमावली 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए सरकार सभी पारा मेडिकलकर्मियों के विभागीय नियमितीकरण की प्रक्रिया तत्काल शुरू करे.