झारखंड: 59 एंबुलेंस खराब, मरम्मत पर 3.78 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान

झारखंड में 14 नवंबर 2017 से मुफ्त 108 एंबुलेंस सेवा चलायी जा रही है. इसके तहत 50 एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) जबकि 287 बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) एंबुलेंस चलायी जा रही थी. बेड़े में पहले की 337 जबकि अभी 206 बिल्कुल नयी एंबुलेंस यानि कुल 543 वाहनों को शामिल किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2023 6:08 AM

रांची, बिपिन सिंह: स्वास्थ्य विभाग ने डायल 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के तहत पूर्व से संचालित सभी पुरानी एंबुलेंस को बेड़े में शामिल करने को कहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक ने पुरानी कंपनी जिकित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड को आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के तहत सभी एंबुलेंस की मरम्मत कर लौटाने को कहा है. स्वास्थ्य विभाग ने एमवीआइ की रिपोर्ट के आधार पर इसकी मरम्मत के लिए 3,78,60,052 रुपये का अनुमानित कॉस्ट बताया है. इसके लिए जिकित्जा को आखिरी बार 10 दिनों की सशर्त मोहलत दी गयी है. ज्ञात हो कि नयी व्यवस्था के तहत इएमआरआइ ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के संचालन की जिम्मेदारी मिली है. 12 सितंबर तक 337 में से महज 278 एंबुलेंस का ही हैंडओवर लिया जा सका है. आपको बता दें कि राज्य में डायल 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के संचालन का टेंडर मेसर्स इएमआरआइ ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को सौंपा गया है. उसने पुरानी एंबुलेंसों की फिटनेस को लेकर विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें व्हीकल कंडीशन का जिक्र है. पुरानी कंपनी मेसर्स जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड द्वारा हस्तांतरण प्रक्रिया के दौरान मोटरयान निरीक्षकों की जांच के क्रम में यह बात सामने आयी कि इनमें बहुत सारे एंबुलेंस के साथ-साथ उनमें लगाये गये कीमती उपकरण उचित रखरखाव की कमी के कारण जंग खाकर कबाड़ हो गये हैं.

543 एंबुलेंसों से मरीजों को देना था सेवा का लाभ

झारखंड में 14 नवंबर 2017 से मुफ्त 108 एंबुलेंस सेवा चलायी जा रही है. इसके तहत 50 एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) जबकि 287 बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) एंबुलेंस चलायी जा रही थी. बेड़े में पहले की 337 जबकि अभी 206 बिल्कुल नयी एंबुलेंस यानि कुल 543 वाहनों को शामिल किया गया है.

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अभी तक 278 एंबुलेंस का लिया गया हैंडओवर

अभी तक 278 एंबुलेंस का हैंडओवर लिया गया है. इनमें रांची से 25, धनबाद 25, पूर्वी सिंहभूम 21, गिरिडीह 21, बोकारो 16, पश्चिमी सिंहभूम 14, हजारीबाग 14, पलामू 14, दुमका 13, सरायकेला 13, देवघर 12, गढ़वा 12, गोड्डा 11, रामगढ़ 10, चतरा 8, पाकुड़ 7, कोडरमा 7, गुमला 7, साहिबगंज 7, लातेहार 7, सिमडेगा 5, लोहरदगा 5, खूंटी से 4 एंबुलेंस शामिल हैं.

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एंबुलेंस में मरम्मत की जरूरत

पुरानी कंपनी मेसर्स जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड द्वारा हस्तांतरण प्रक्रिया के दौरान मोटरयान निरीक्षकों की जांच के क्रम में यह बात सामने आयी कि इनमें बहुत सारे एंबुलेंस के साथ-साथ उनमें लगाये गये कीमती उपकरण उचित रखरखाव की कमी के कारण जंग खाकर कबाड़ हो गये हैं.

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फिटनेस रिपोर्ट

– टायर : 240

– बैटरी : 185

– एक्सीडेंट : 05

– शेड्यूल सर्विस : 08

– माइनर बॉडी रिपेयर : 74

– मेजर बॉडी रिपेयर : 192

– माइनर इलेक्ट्रिकल वर्क : 57

– मेजर इलेक्ट्रिकल वर्क : 133

– माइनर मैकेनिकल वर्क : 57

– मेजर मैकेनिकल वर्क : 210

– एसी सिस्टम रिलेटेड इश्यू : 270

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