विशेष संवाददाता (रांची). झारखंड सरकार ने अपने कर्मचारियों को पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने का जिम्मा ‘टाटा एआइजी जेनरल इंश्योरेंस कंपनी’ को सौंप दिया है. योजना का लाभ राज्य सरकार के कार्यरत कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मिलेगा. कार्यरत कर्मचारियों के प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार करेगी. जबकि, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्रीमियम का भुगतान खुद करना होगा. सरकार ने योजना के लिए एजेंसी चुनने के उद्देश्य से वर्ष 2024 में टेंडर प्रकाशित किया था. इस टेंडर प्रक्रिया में टाटा एआइजी, नेशनल इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस, बजाज एलियांज और आइसीआइसी लोंबार्ड ने हिस्सा लिया था. तकनीकी तौर पर सभी कंपनियों सफल घोषित हुई थीं. हालांकि, वित्तीय बिड की जांच के बाद टाटा एआइजी को सफल घोषित किया गया. वित्तीय बिड के निबटारे के बाद सरकार ने टाटा एआइजी इंश्योरेंस कंपनी को कार्यादेश दे दिया है.
अपने कर्मियों के लिए 6000 रुपये प्रीमियम भरेगी राज्य सरकार
राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के लिए प्रीमियम राशि के रूप में 6000 रुपये का भुगतान बीमा कंपनी को करेगी. जबकि, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्रीमियम का भुगतान खुद करना होगा. इसके अलावा राज्य विधानसभा के पूर्व सदस्य, राज्य सरकार के विभिन्न बोर्ड-निगम के सेवानिवृत व कार्यरत कर्मचारी, राजकीय विश्वविद्यालयों व उनके अंतर्गत अंगीभूत कॉलेजों के कार्यरत व सेवानिवृत्त शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी भी खुद ही प्रीमियम की भुगतान कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं. योजना का लाभ लेने के लिए सभी को झारखंड आरोग्य सोसाइटी की वेबसाइट पर अपना निबंधन कराना होगा.योजना का अमली जामा पहनाने में लग गया 10 साल का वक्त
झारखंड सरकार के कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने के फैसले को अमली जामा पहनाने में 10 साल लग गये. सरकार ने वर्ष 2014 में अपने कार्यरत कर्मियों और सेवानिवृत कर्मियों को पांच लाख तक के स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने का फैसला किया था. इसका संकल्प 25 अक्तूबर 2014 को जारी किया गया था. प्रत्यायुक्त समिति की अनुशंसाओं के आलोक में कुछ संशोधन के साथ 31 जुलाई 2023 को स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए दूसरा संकल्प जारी किया गया. इसमें बोर्ड, निगम आदि के कर्मचारियों को भी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने का फैसला किया गया.इनकी प्रीमियम राज्य सरकार भरेगी
– राज्य विधानसभा के सदस्य- राज्य के सभी सेवाओं के कर्मचारी पदाधिकारी- आश्रितों की श्रेणी में पति-पत्नी के अलावा 25 वर्ष तक के बेरोजगार पुत्र और वैध दत्तक पुत्र– अविवाहित पुत्री, विधवा, परित्यकत्ता, नौ हजार रुपये से कम पेंशन पानेवाले आश्रित माता-पिता
– दिव्यांग आश्रितों को आजीवन बीमा योजना का लाभइन्हें खुद भरना होगा प्रीमियम
– राज्य विधानसभा के पूर्व सदस्य- राज्य विधानसभा के पूर्व पदाधिकारी और कर्मचारी- योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक अखिल भारतीय सेवाओं के सेवारत और सेवानिवृत्त पदाधिकारी व कर्मचारी– राज्य सरकार के विभिन्न बोर्ड, निगम व संस्थान में कार्यरत और सेवानिवृत कर्मचारी
– राजकीय विश्वविद्यालयों के अंतर्गत अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत व सेवानिवृत शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है