Jharkhand News: झारखंड के रांची जिले के चान्हो सिलागाईं में गुरुवार को 1832 के ऐतिहासिक लरका विद्रोह के महानायक अमर शहीद वीर बुधु भगत की 230वीं जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर झारखंड के स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता, लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत, मांडर विधायक बंधु तिर्की, स्मारक समिति से जुड़े सदस्यों सहित अन्य लोगों ने वीर बुधु भगत की प्रतिमा पर माल्यार्पण का उन्हें याद किया. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई हमारे वीर, सूफी संत व महात्माओं के त्याग व तपस्या का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिये कि झारखंड में 11 फरवरी 1750 को ही स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हो चुकी थी, जिसे 1759 में बाबा तिलका मांझी व अन्य लोगों ने आगे बढ़ाया और इसी कड़ी में 1832 में वीर बुधु भगत भगत ने अंग्रेजों, जमींदारों और साहूकारों के अन्याय और अत्याचार के खिलाफ जिस क्रांतिकारी आंदोलन का बिगुल फूंका, वह इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है.
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड की धरती रत्नगर्भा है. इस धरती के बल पर ही दिल्ली दरबार रोशन है. फिर भी हमलोगों को कई बार प्रताड़ित व अपमानित किया जाता है, लेकिन हम इससे डरने वाले नहीं हैं. झारखंड की धरती उपजाऊ, कमाऊ, टिकाऊ जानदार व शानदार है. सांसद सुदर्शन भगत ने कहा कि देश की आजादी के लिये वीर बुधु भगत ने अपने परिवार के साथ जिस तरह अपनी जान की कुर्बानी दी, उसका उदाहरण देश तो क्या पूरे विश्व में कहीं नहीं मिलता है. समारोह में बंधु तिर्की ने कहा कि सिलागाईं एक महान वीर की भूमि है. यहां ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ते-लड़ते 100 से भी अधिक लोग शहीद हुए हैं. शहीदों की इस भूमि का हम सभी को दिल से सम्मान करना चाहिये.
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स्मारक समिति के अध्यक्ष डॉ दिवाकर मिंज ने वीर बुधु भगत की जीवनी पर प्रकाश डाला. समारोह में पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, वीर बुधु भगत इंटर कालेज के प्राचार्य सुशील मिंज व विमल कच्छप ने भी विचार व्यक्त किये. संचालन अजीत सिंह व धन्यवाद ज्ञापन सुनील उरांव ने किया. इस अवसर पर वीर बुधु भगत स्मारक समिति की ओर से स्वास्थ्य मंत्री को एक मांग पत्र दिया गया, जिसमें जनजातीय समाज के लाभ के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालय का निर्माण हर हाल में सिलागाईं में ही कराने, सिलागाईं में 50 बेड का चिकित्सालय उपलब्ध कराने, चान्हो सीएचसी को रेफ़रल अस्पताल का दर्जा देने व स्कूली पाठ्यक्रम में शहीद वीर बुधु भगत की जीवनी को शामिल करने की मांग की गयी है. मौके पर केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, अल्फ्रेड मिंज, गोपाल भगत, रामदेनी भगत, शिवपूजन भगत, लक्ष्मी नारायण भगत, रंथु उरांव, करमा उरांव, महादेव उरांव, भौवा उरांव संदीप उरांव, कृष्णा उरांव, एतवा उरांव, शंभु उरांव, दिलीप सिंह, एतवा उरांव, भौवा उरांव, मारवाड़ी उरांव, परमेश्वर भगत, रामप्यार उरांव, मुन्ना उरांव, मो मोजिबुल्लाह, जिपस बबिता सिंह, सहित अन्य उपस्थित थे.
रिपोर्ट: तौफीक आलम