रांची़ स्वास्थ्य विभाग के तहत काम करने वाले मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर (एमपीडब्ल्यू) ने सेवा स्थायीकरण के लिए शुक्रवार को नेपाल हाउस का घेराव किया. इससे पहले कर्मियों ने एकजुट होकर विशाल जुलूस निकाला. यह रिसालदार बाबा मैदान से होकर मुख्य मार्ग होते हुए नेपाल हाउस के मुख्य दरवाजे के पास पहुंचा. कर्मचारियों ने एकजुट होकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इसके बाद करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने प्रवेश और निकास के दोनों मुख्य दरवाजे को जाम कर दिया. इस दौरान नेपाल हाउस सचिवालय से कोई भी अधिकारी बाहर नहीं निकल सका, न ही कोई भीतर प्रवेश कर सका. झारखंड राज्य एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के बैनर तले सभी जिलों से बड़ी संख्या में एमपीडब्ल्यू कर्मी रांची पहुंचे थे. प्रदर्शन के दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह से उनकी वार्ता हुई और उन्हें लिखित रूप से एक सहमति पत्र दिया गया. इसके बाद घेराव कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया गया. प्रधान सचिव ने वार्ता में शामिल 10 सदस्यीय शिष्टमंडल को स्थायी समायोजन के लिए ठोस कार्रवाई का भरोसा दिया. प्रदेश अध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि 1573 स्वास्थ्य कर्मी अपने स्थायी समायोजन की मांग को लेकर पिछले कई वर्षों से शांतिपूर्वक आंदोलन चला रहे हैं. 24 जुलाई को पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एक बार फिर प्रधान सचिव से मिलकर स्थायी समायोजन के लिए जरूरी कागजात सौंपेंगे. संघ के अध्यक्ष पवन कुमार, महासचिव मंगल हेंब्रम एवं झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह द्वारा मुख्यमंत्री को सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया. प्रदर्शन में यह हुए शामिल : प्रदर्शन में महासंघ के पदाधिकारियों के अलावा गणेश प्रसाद सिंह, मुक्तेश्वर लाल, वरुण पाल, सुजीत कुमार, रविशंकर मुंडा, उपानंद महतो, राजेश्वर उरांव, भास्कर सरकार, रविकांत कुमार, गेना लाल मंडल, अवधेश कुमार, बेलाल अहमद, मनोज कुमार, प्रीतेश कुमार, अजय आनंद कौशल, रितेश कुमार, अमरेंद्र कुमार, प्रभाकर कुमार, आलोक कुमार, मिथिलेश कुमार दुबे, सौरभ कुमार, चंदन महतो, दीपक कुमार पासवान, रविंद्र कुमार, सुधीर कुमार, मास्टर अजीत, विनोद कुमार, राकेश साहू, सूरज राम, शिवशंकर साव, ज्वाला कुमार सहित सभी जिलों के एमपीडब्ल्यू कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हुए.
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