झारखंड से जुड़ी दो मामले की आज सुप्रीम कोर्ट और हजारीबाग MP-MLA कोर्ट में होगी सुनवाई, पढ़ें पूरी खबर

झारखंड के दो बड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट और हजारीबाग एमपी-एमएलए कोर्ट में आज होगी. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामला और हजारीबाग एमपी-एमएलए कोर्ट में रामगढ़ की विधायक ममता देवी के खिलाफ सजा का ऐलान हो सकता है.

By Samir Ranjan | December 13, 2022 6:31 AM

Jharkhand News: मंगलवार (13 दिसंबर, 2022) को झारखंड के दो बड़े मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट और हजारीबाग के MP-MLA कोर्ट में होगी. सुप्रीम कोर्ट में झारखंड नगर निकाय चुनाव में OBC आरक्षण मामले की सुनवाई होगी, तो हजारीबाग MP-MLA कोर्ट में रामगढ़ विधायक ममता देवी की सजा की सुनवाई हाे सकती है.

ओबीसी आरक्षण मामले में 13 जनवरी को सुनवाई

झारखंड नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में 13 जनवरी, 2022 यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. यह सुनवाई गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी द्वारा दाखिल अवमाननावाद के मामले में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में राज्य के मुख्य सचिव से इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा था. इससे पूर्व सांसद श्री चौधरी ने पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना कराने पर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

झारखंड सरकार के खिलाफ PIL दायर

गिरिडीह सांसद ने ओबीसी आरक्षण नहीं देने को लेकर झारखंड सरकार के खिलाफ PIL दायर की थी. सांसद ने अपनी अवमाननावाद याचिका में कहा है कि एक तरफ झारखंड सरकार सर्वोच्च न्यायालय में यह कहती है कि वह कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में दिये गये निर्णय का अनुपालन करेगी, वहीं दूसरी ओर झारखंड सरकार ओबीसी को आरक्षण दिये बगैर नगर निकाय चुनाव कराने का फैसला लेती है.

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रामगढ़ विधायक ममता देवी को आज सुनायी जा सकती है सजा

दूसरी ओर, हजारीबाग व्यवहार न्यायालय स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court Hazaribagh) रामगढ़ विधायक ममता देवी को सजा सुनायी जा सकती है. पहले सोमवार को ही सजा सुनाने की तारीख निर्धारित थी, लेकिन एक वकील के निधन से सुनवाई टल गयी. अब सबकी निगाहें मंगलवार को कोर्ट के फैसले पर टिकी है.

क्या है मामला

रामगढ़ के गोला स्थित इनलैंड पावर लिमिटेड (IPL) में  गत 29 अगस्त, 2016 को विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से दो लोगों की मौत हो गयी थी. इस मामले में रजरप्पा के तत्कालीन बीडीओ ने ममता देवी समेत अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी थी. इसी मामले को हजारीबाग के एमपी-एमएलए कोर्ट ने गत आठ दिसंबर, 2022 को ममता देवी समेत 13 लोगों को दोषी करार दिया था.

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